Allahabad Lok Sabha Seat: इलाहाबाद लोकसभा सीट पर कांग्रेस का 40 साल से नहीं खुला खाता, सपा के साथ आने से क्या पलटेगी किस्मत
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Allahabad Lok Sabha Seat: इलाहाबाद लोकसभा सीट पर कांग्रेस का 40 साल से नहीं खुला खाता, सपा के साथ आने से क्या पलटेगी किस्मत

Allahabad Lok Sabha Seat: इलाहाबाद लोकसभा सीट कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी. 1952 से लेकर 1971 तक इस सीट पर कांग्रेस पार्टी का कब्जा रहा. वर्तमान में इस सीट से बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी सांसद हैं.

Allahabad Lok Sabha Seat

Allahabad Lok Sabha Seat 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सत्ताधारी बीजेपी समेत सभी राजनैतिक पार्टियां तैयारी में जुट गई हैं. कहा जाता है कि केंद्र में सत्ता की कुर्सी का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है. यूपी में 80 लोकसभा सीटें हैं. ऐसे में सभी पार्टियां ज्यादा से ज्यादा सीट जीतने के लिए हर हथकंड़े अपना रही हैं. वोट बैंक को साधने के लिए सभी दल एड़ी से चोटी तक का जोर लगाया जा रहा है. आज हम आपको यूपी ही नहीं बल्कि देश की राजनीति में भी सबसे अहम स्थान रखने वाले प्रयागराज की लोकसभा सीट के बारे में बताएंगे. प्रयागराज जिले में फूलपुर और इलाहाबाद लोकसभा सीट आती है. वर्तमान में दोनों ही सीटों पर महिला सांसद हैं. फूलपुर से केशरी देवी पटेल तो इलाहाबाद से डॉ.रीता बहुगुणा जोशी सांसद हैं. 

कांग्रेस की बोलती थी तूती
इलाहाबाद लोकसभा सीट कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी. 1952 से लेकर 1971 तक इस सीट पर कांग्रेस पार्टी का कब्जा रहा. साल 1952 में इस सीट के पहले सांसद श्रीप्रकाश बने थे. उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता था. उनके बाद पुरुषोत्तम दास टंडन, 1957 में लाल बहादुर शास्त्री कांग्रेस से ही सांसद बने. 1962 में लाल बहादुर शास्त्री फिर से इसी सीट से सांसद चुने गए. 1967 में हरिकृष्ण शास्त्री और 1971 में हेमवती नन्दन बहुगुणा सांसद बने. 

पहली बार जनेश्वर मिश्र ने लगाई थी कांग्रेस के गढ़ में सेंध 
भारतीय लोकदल के उम्मीदवार जनेश्वर मिश्र ने पहली बार कांग्रेस की जीत के सिलसिले को तोड़ा था. उन्होंने 1973 और 1977 में जीत हासिल कर कुर्सी पर कब्जा किया. हालांकि, इसके बाद 1980 में वीपी सिंह कांग्रेस से सांसद बने. 1984 में हुए चुनाव में अमिताभ बच्चन कांग्रेस की टिकट पर लड़े और कुर्सी पर कब्जा किया. 1988 में उपचुनाव हुए, जिसमें वीपी सिंह निर्दलीय सांसद बने. 

पांच बार बीजेपी, दो बार सपा के सांसद बने 
1998, 2004 और 2009 में भारतीय जनता पार्टी से मुरली मनोहर जोशी सांसद रहे. इसके बाद 2004 और 2009 में जनता ने समाजवादी पार्टी के रेवती रमण सिंह को यहां से मौका दिया. 2014 में चली मोदी लहर के दौरान यह सीट भाजपा के खाते में आई और श्यामाचरण गुप्ता जीतकर सांसद बने. इसके बाद 2019 में भाजपा ने रीता बहुगुणा जोशी को टिकट दिया. रीता ही वर्तमान में इस सीट से सांसद हैं. 

मतदाताओं की संख्या 
लोकसभा चुनाव 2019 में यहां कुल 1716160 मतदाता थे. जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 9,27,964 जबकि महिलाओं की संख्या 7,65,288 थी. 

जातीय समीकरण 
वहीं, जातीय समीकरण की बात करें तो इलाहाबाद संसदीय सीट पर सबसे ज्यादा मुस्लिम, फिर कुर्मी और ब्राह्मण वोटर्स हैं. इसके बाद यहां ठाकुर-भूमिहार, दलित, कोल, वैश्य, मौर्या, कुशवाहा, पाल, निषाद, बिंद, विश्वकर्मा, प्रजापति व अन्य वोटर्स हैं. 

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