Kumbh Mela 2025: प्रयागराज ने स्वच्छ महाकुंभ के लिए छेड़ा अभियान, एक ऐप से होगी पूरे मेला क्षेत्र की सफाई
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Kumbh Mela 2025: प्रयागराज ने स्वच्छ महाकुंभ के लिए छेड़ा अभियान, एक ऐप से होगी पूरे मेला क्षेत्र की सफाई

Mahakumbh Mela: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अगले साल होने वाले महाकुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं और भक्तों की सुविधा का ध्यान रखते हुए टायलेट्स की सफाई और उसका फीडबेक देने के लिए एक ऐप बनाया है. पढ़िए पूरी खबर ... 

Mahakumbh Mela 2025

Mahakumbh Mela 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अगले साल होने वाले महाकुंभ मेले में देश-विदेश से आने वाले लोगों और श्रद्धालुओं के लिए सफाई का पूरा ध्यान रखा जाएगा. इसको लेकर व्यापक पैमाने पर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. 1.5 लाख टॉयलेट्स और यूरिनल्स को पूरे मेला क्षेत्र और पार्किंग स्थलों पर स्थापित किया जाना है. लेकिन सबसे बड़ी चुनौती इन टॉयलेट्स की साफ सफाई को लेकर है, जिसकी पुख्ता तैयारी की गई है. 

क्यूआर बेस्ड मॉनीटरिंग सिस्टम
क्यूआर बेस्ड मॉनीटरिंग सिस्टम के माध्यम से टॉयलेट्स में स्वच्छता का सर्वे किया जाएगा और एप के माध्यम से जिस टॉयलेट में गंदगी की जानकारी मिलेगी उसे चंद मिनटों में क्लीन कर दिया जाएगा. यही नहीं, सफाई के लिए जेट स्प्रे क्लीनिंग सिस्टम अपनाया जाएगा, ताकि मैनुअल सफाई की आवश्यकता न पड़े. वहीं, सेप्टिक टैंक को खाली करने के लिए भी सेसपूल ऑपरेशन प्लान रेडी कर लिया गया है. 

एप बेस्ड फीडबैक 
13 जनवरी से 26 फरवरी तक 45 दिन चलने वाले महाकुंभ में इस बार 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आने की संभावना है. ऐसे में पूरे मेला क्षेत्र में 1.5 लाख टॉयलेट्स और यूरिनल्स स्थापित किए जा रहे हैं. टॉयलेट्स इंस्टॉल किए जाने के साथ-साथ इनको स्वच्छ बनाए रखने के लिए भी व्यापक तैयारी की गई है. इसमें टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. आपको बता दें कि इस बार क्यूआर कोड से स्वच्छता की मॉनीटरिंग की जा रही है. यह एप बेस्ड फीडबैक प्रोवाइड कराएगा. जिसके माध्यम से जल्द से जल्द सफाई सुनिश्चित की जाएगी.

कंट्रोल रूम
जानकारी के मुताबिक इन सभी टॉयलेट्स की निगरानी का जिम्मा 1500 गंगा सेवा दूतों को सौंपा गया है. जो सुबह-शाम एक-एक टॉयलेट को चेक करेंगे. वह आईसीटी एप के माध्यम से प्रत्येक टॉयलेट पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करेंगे और उस एप में दिए गए सवालों के जवाब हां या ना में देंगे. इन सवालों में शौचालय साफ है या नहीं, टॉयलेट का डोर टूटा तो नहीं है, पर्याप्त पानी की मात्रा है या नहीं, जैसे सवाल होंगे. इन सवालों का जवाब सबमिट करते ही यह फीडबैक कंट्रोल रूम पर पहुंच जाएगा. जिन टॉयलेट्स में सफाई मानक के अनुरूप नहीं होगी. उनकी डिटेल संबंधित वेंडर्स को चली जाएगी और फिर चंद मिनटों में वेंडर्स द्वारा टॉयलेट की सफाई संपन्न कराई जाएगी. सिर्फ गंगा सेवा दूत ही नहीं, बल्कि आम लोग भी इस ऑनलाइन व्यवस्था के माध्यम से गंदगी का फीडबैक दे सकेंगे. 

नहीं होगी मैनुअली सफाई 
मेला प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार इस बार सफाई की ऐसी व्यवस्था की गई है कि मैनुअी टॉयलेट साफ करने की आवश्यकता नहीं होगी. जेट स्प्रे क्लीनिंग सिस्टम के माध्यम से चंद सेकेंड्स में पूरी तरह टॉयलेट्स को साफ कर दिया जाएगा. दरअसल, जेट स्प्रे क्लीनिंग सिस्टम में पानी का हाई प्रेशर मेंटेन होता है. जिससे किसी भी तरह की गंदगी को हटाना आसान है. इसी तरह का क्लीनिंग सिस्टम रेलवे टॉयलेट्स को भी साफ करने में किया जाता है. 

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