महाकुंभ की भव्य तैयारी और योगी को फ्लावर समझे क्या... साधु संत बोले- 'फायर' हैं मुख्यमंत्री
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महाकुंभ की भव्य तैयारी और योगी को फ्लावर समझे क्या... साधु संत बोले- 'फायर' हैं मुख्यमंत्री

तीर्थराज प्रयाग में महाकुंभ को लेकर पूरी दुनिया की निगाहे भारत पर लगी हैं. महाकुंभ मेले की शुरुआत से पहले यूपी के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ की कुशल एवं सख्त प्रशासनिक छवि को अब 'फ्लावर बनाम फायर' के नजरिए से जोड़ कर देखा जा रहा है.

महाकुंभ की भव्य तैयारी और योगी को फ्लावर समझे क्या... साधु संत बोले- 'फायर' हैं मुख्यमंत्री

Mahakumbh 2025: तीर्थराज प्रयाग में महाकुंभ को लेकर पूरी दुनिया की निगाहे भारत पर लगी हैं. महाकुंभ मेले की शुरुआत से पहले यूपी के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की कुशल एवं सख्त प्रशासनिक छवि को 'फ्लावर बनाम फायर' के नजरिए से जोड़ कर देखा जा रहा है. महाकुंभ से जुड़ी खबरों की बात करें तो झूंसी से लेकर मेला क्षेत्र के एक बड़े हिस्से को वक्फ की संपत्ति बनाने वाले मौलाना साहब का हृदय परिवर्तन हो गया है. कल तक महाकुंभ में वक्फ वाला दावा ठोकने वाले मौलाना साहब अब संतों पर पुष्पवर्षा करने की बात कर रहे हैं. एक तरफ मौलाना बरेलवी पुष्पवर्षा करने का आव्हान कर रहे हैं वहीं महाकुंभ के संतों ने योगी आदित्यनाथ को पुष्पा की उपाधी दे दी है. पुष्पा यानी जो झुकेगा नहीं. ऐसे में सवाल ये भी उठता है कि क्या योगी के फायर अवतार की वजब से मौलाना साहब फ्लावर बरसाने की बात कर रहे हैं.

मौलाना के बदले बोल

सबसे पहले समझिए कि मौलाना शाहबुद्दीन बरेलवी के बोल कैसे बदले हैं. ये वही मौलाना साहब हैं जो पहले कहते थे कि जिस जमीन पर मेला लग रहा है वो वक्फ की जमीन है. लेकिन अब मौलाना बरेलवी का बयान आया है कि मुस्लिम महाकुंभ के संतों पर पुष्प वर्षा करें. 

एक तरफ तो बलेलवी साहब महाकुंभ क्षेत्र की 55 बीघा जमीन वक्फ की संपत्ति बता रहे थे. वो अब वक्फ पर योगी सरकार के एक्शन की तारीफ कर रहे हैं. एक तरफ जहां मौलाना साहब महाकुंभ की जमीन पर मुसलमानों का हक बता कर विवाद छेड़ रहे थे वो अब कह रहे हैं कि इस्लाम तो भाईचारा सिखाता है. जो मौलाना साहब कुंभ में मुसलमानो की एंट्री बैन होने का विरोध किया. वो अब कह रहे हैं कि योगी जी ने महाकुंभ मेले में जबरदस्त इंतजाम किया है.

ऐसे में सवाल उठता है कि आखिल मौलाना साहब का हृदय परिवर्तन हुआ कैसे? आखिर एक हफ्ते के अंदर वक्फ के दावे से पुष्पवर्षा तक का सफर मौलाना साहब ने कैसे तय किया. इसके साथ ही मौलाना साहब के फूल क्या साधु संतों को स्वीकार हैं. इसका जवाब साधु संतों से जानकर आपको बताते हैं. 

मौलाना के फूल- संतों को नहीं कबूल

मौलाना ने कहा- 'प्रयागराज के तमाम मुसलमनों से अपील करूंगा की वो खुशहाली और सद्भाव के लिए जिन मुस्लिम मोहल्लों, गांव से श्रद्धालु गुजरें वहां पुष्प बरसा कर के उनका स्वागत करें. इसके जवाब में जूना अखाड़ा के महंत नारायण गिरी ने कहा- 'फूलों में बम आ सकते हैं. वो अपने फूल अपने पास ही रखें. हमें किसी के फूल नहीं चाहिए. वो हमारे धर्म विरोधी हैं. उनके फूल में भी कहीं ना कहीं जिहाद हो सकता है. मुस्लिम समुदाय के फूलों को भी साधु संतों की कोई आवश्यकता नहीं है.'

फूल में भी जिहाद और मौलाना साहब को सत्ता का भय?

कुछ संतों का कहना है कि पुष्प वर्षा करने के लिए जो कहा है कहीं ऐसा तो नहीं की इसके पीछे कोई षड़यंत्र तो नहीं. ये धर्म स्थली है.  ऐसे में हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. दुराचारी के लिए महाकाल का त्रिशूल है हमारे पास. ऐसा लगता है कि उन्हें अब सत्ता का भय सता रहा है. देखते हैं ये चेहरा कितने दिन रहेगा, अगला बयान कब आएगा.

'फ्लावर' नहीं 'फायर' हैं मुख्यमंत्री योगी

मौलाना साहब के हृदय परिवर्तन की एक वजह साधु संत सीएम योगी आदित्यनाथ को मान रहे हैं. अंदेशा जताया जा रहा है कि मौलाना साहब के सुर इसीलिए बदल गए क्योंकि उन्हें कोई भय सता रहा है. यानी एक तरफ हैं मौलाना शाहबुद्दीन बरेलवी, जो वक्फ का दावा करने के बाद कहीं न कहीं झुक गए हैं. वहीं दूसरी तरफ हैं योगी आदित्यनाथ जिन्हें महाकुंभ के संतों ने पुष्पा अवतार बताया है. वही पुष्पा जो हमेशा कहता है-  'मैं झुकेगा नहीं'.

योगी का संकल्प

फायरब्रांड मुख्यमंत्री योगी जब महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे तो उन्होंने कहा, 'हमारा व्यक्तिगत कोई अस्तित्व नहीं, हमारा देश सुरक्षित है तो हमारा धर्म भी सुरक्षित है. अगर हमारा देश सुरक्षित है तो हमारा धर्म भी सुरक्षित है. हमारा धर्म सुरक्षित है तो हम भी सुरक्षित हैं.'

यूपी के महंत मुख्यमंत्री योगी आदित्नाथ का अटल संकल्प है. सनातन है तो हम हैं. धर्म सुरक्षित तो हम सुरक्षित. वैसे भी चुनावों  में योगी आदित्यनाथ जिन्होंने सनातन धर्म को सुरक्षित रहने के लिए जो नारा दिया उसकी गूंज पूरे देश में सुनाई दी. 

अब उन्हीं योगी महाराज के कार्यकाल में महाकुंभ को भव्य और दिव्य अवतार दिया जा रहा है. योगी आदित्यनाथ की इसी कथनी और करनी की वजह से महाकुंभ में आ रहे संत उन्हें पुष्पा अवतार बता रहे हैं.

झुकेगा नहीं...

पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी की महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा गिरी ने योगी आदित्यनाथ को पुष्पा की उपाधी दी है. इसके पीछे उनका तर्क क्या है वो भी जानना जरूरी है. महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा गिरी ने कहा - 'वक्फ की बात हो या संभल की बात हो. वो न झुका है न झुक रहा है और न ही आगे झुकेगा. ऐसे शेर संतों की राजनीति में जरूरत है. जरा सोचिए एक की जगह अगर ऐसे 10 योगी हो गए तो देश सदियों के लिए सुरक्षित हो जाएगा. 

महाकुंभ में भक्ति की बयार

महाकुंभ में भक्ति की धारा बह रही है.  साधु-संतों के बीच योगी कि सनातनी छवि और प्रबल हो गई है. यही वजह है कि उन्हें अलग अलग उपाधी दी जा रही है. 

पहला अवतार - योगी आज के अर्जुन.

दूसरा अवतार- भागीरथ योगी.

तीसरा अवतार - रियल लाइफ पुष्पा.

योगी आदित्यनाथ कट्टरपंथियों के आगे कभी नहीं झुकते हैं. सनातन के खिलाफ षड़यंत्र करने वालों पर योगी का हंटर जरूर चलता है.  वो कह चुके हैं कि गलत मानसिकता के साथ जो लोग आएंगे, उनकी डेंटिंग-पेंटिंग की भी व्यवस्था की गई है. जो मुसलमान अपने गोत्र को भारत के ऋषियों के नाम से जोड़कर देखते हैं, ऐसे लोग ही प्रयागराज में आएं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इसी सनातनी और सख्त छवी की वजह से अब साधु संत ये मांग कर रहे हैं कि राजनीति में योगी जैसे और संतों की जरूरत है.

महामंडलेश्वर प्रकाशानंद महाराज ने कहा - धर्म के बिना राष्ट्र नहीं चलेगा. मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री धर्मगुरु होना चाहिए. वहीं महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा गिरी ने कहा- 'योगी जी ऐसे संतों के लिए रोल मॉडल हैं जो राजनीति में आना चाहते हैं.'

योगी आदित्यनाथ न कभी झुकते हैं और विकास के पथ पर न कभी रुकते हैं. इसी वजह से अब साधु संतों ने उन्हें आज का पुष्पा बताया है. यानी योगी फ्लावर नहीं फायर हैं.

(इनपुट: प्रयागराज से प्रमोद शर्मा और मयूर शुक्ला)

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