केदारनाथ धाम में होती है तैनाती तो हर बार छुट्टी लेकर घर बैठ जाते हैं अफसर, बताई ये वजह
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केदारनाथ धाम में होती है तैनाती तो हर बार छुट्टी लेकर घर बैठ जाते हैं अफसर, बताई ये वजह

बता दें कि पिछले साल जून में केदारनाथ में तैनात एसडीएम गौरव चटवाल ने त्याग पत्र दे दिया था. तब पूरे प्रदेश में हंगामा हो गया था. वहीं इस मामले में डीएम वन्दना ने कहा कि एसडीएम के सारे मेडिकल को को जांच के लिए भेज दिया गया है 

एसडीएम वरुण अग्रवाल.

रुद्रप्रयाग: बाबा के धाम केदारनाथ में ड्यूटी देने से अधिकारी कतरा रहे हैं और बार-बार मेडिकल लेकर घर पर छुट्टियों पर जा रहे हैं. ऐसे में अब जिलाधिकारी वंदना सिंह द्वारा कड़ा रुख अपनाते हुए ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है. मेडिकल लेकर छुट्टी काट रहे अधिकारियों की मेडिकल जांच के आदेश दिए गए हैं और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही गई है. 

एसडीएम भी ले रहे बार बार छुट्टियांस रुके हैं सारे काम
बता दें, केदारनाथ जैसे विषम परिस्थितियों वाले क्षेत्र में अधिकारी ड्यूटी देने से इंकार तो नहीं कर रहे, लेकिन जाने को भी तैयार नहीं हैं. ऐसे में वे ड्यूटी लगने पर मेडिकल लेकर छुट्टी पर चले जाते हैं. उप जिलाधिकारी ऊखीमठ वरुण अग्रवाल सितंबर के पहले हफ्ते में मेडिकल लेकर घर चले गए थे. तब से लेकर अब तक वे ड्यूटी पर वापस नहीं आए हैं और बार-बार मेडिकल लेकर छुट्टियां काट रहे हैं. उनकी अनुपस्थिति के कारण जहां तहसील ऊखीमठ में काम रुका हुआ है तो वहीं केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यो में भी देरी हो रही है. दो माह से एसडीएम गायब हैं. जिस कारण तहसील में फाइलों के ढेर लगे हुए हैं.

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त्रस्त जनता कर चुकूी है एसडीएम के ट्रांसफर की मांग
स्थानीय जनता इतनी परेशान है कि कई बार उप जिलाधिकारी के स्थानान्तरण की मांग कर चुकी है. मगर शासन-प्रशासन की ओर से कोई  कार्रवाई नहीं की जा रही है. एसडीएम ऊखीमठ को दो महीने हो चुके हैं और वह ड्यूटी जॉइन करने को तैयार नहीं और तरह-तरह की बीमारी के बहाने बना रहे हैं. एसडीएम वरुण अग्रवाल ड्यूटी से बचने के लिए तीन मेडिकल दे चुके हैं. 

पहले भी मेडिकल जांच में झूठे साबित हो चुके हैं एसडीएम
यह पहली बार नहीं है. इससे पहले भी वह डीएम द्वारा केदारनाथ भेजने पर बीमारी का बहाना बना चुके हैं. जिसकी शिकायत पर पहले भी डीएम ने मेडिकल बोर्ड बैठाकर उनकी बीमारी की जांच करवाई थी. जिसमें तब एसडीएम वरुण अग्रवाल झूठे साबित हुए थे. अब एक बार फिर दो महीनों से एसडीएम जिला प्रशासन को बेवकूफ बनाने में लगे हैं. 

पूर्व एसडीएम ने भी कर दिया था रिजाइन
बता दें कि पिछले साल जून में केदारनाथ में तैनात एसडीएम गौरव चटवाल ने त्याग पत्र दे दिया था. तब पूरे प्रदेश में हंगामा हो गया था. वहीं इस मामले में डीएम वन्दना ने कहा कि एसडीएम के सारे मेडिकल को जांच के लिए भेज दिया गया है और शासन से केदारनाथ के लिए स्थाई  एसडीएम की मांग की गई है.

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