Kanpur Expressway News: केंद्रीय ने कानपुर-सागर नेशनल हाइवे के समानांतर ग्रीन हाइवे बनाने की मंजूरी दी है. 120 किमी के बनने वाले इस हाईवे के बन जाने से जहां 96 गांवों का विकास होगा वहीं लोगों के यात्रा भी आरामदायक हो जाएगी.
यह ग्रीन हाइवे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की तरह विकसित होगा, जिससे क्षेत्रीय विकास की गति तेज होगी.
उत्तर प्रदेश को आने वाले समय में 1120 किलोमीटर का हाइवे मिलने जा रहा है जो यूपी और मध्य प्रदेश के बीच की दूरी को कम करेगा. यूपी में कानपुर से सागर तक बनने वाले इस ग्रीन हाइवे के बन जाने से मुंबई तक की यात्रा सरल हो जाएगी.
कानपुर से सागर के बीच ग्रीन हाईवे का प्रस्ताव केंद्र द्वारा पास हो चुका है. यूपी के कानपुर से मध्य प्रदेश के सागर तक के लिए नेशनल हाईवे बनाया जाएगा.
इस हाइवे की मंजूरी मिलने के बाद कानपुर से महोबा तक के 96 गांवों की आने वाले समय में इन गावों की तस्वीर पूरी तरह से बदल जाएगी.
कानपुर-सागर हाईवे के बनने से मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र आदि राज्यों से आने-जाने वाले भारी वाहनों के आने जाने में आसानी होगी.
ग्रीन हाईवे की कुल लंबाई की बात करें तो ये 112 किलोमीटर लंबा बनने वाला है. ये हाईवे कानपुर नगर, महोबा, हमीरपुर और फतेहपुर से होकर गुजरेगा
इस हाईवे को लेकर केंद्र सरकार ने साल 2021 में ही ऐलान किया था. जिस दौरान कानपुर से सागर तक नेशनल हाईवे के समानान्तर रमईपुर में बने रिंग रोड से लेकर महोबा के कबरई तक बनाने का प्लान था.
अब इस प्रोजेक्ट को कानपुर नगर, फतेहपुर, हमीरपुर और महोबा के 96 गांवों के आस-पास से गुजरेगा. इसको लेकर सर्वेक्षण का काम भी पूरा हो चुका है. जल्दी ही इस पर काम भी शुरू हो जाएगा.
कानपुर से सागर तक बनने वाले इस ग्रीन हाइवे के बन जाने से मुंबई तक की यात्रा सरल हो जाएगी.
इसके बन जाने से कानपुर-सागर हाईवे पर यातायात का दबाव कम होगा. वर्तमान में कबरई से कानपुर के बीच नियमित एक्सीडेंट होते रहते हैं. इस वजह से खूनी हाईवे भी कहा जाने लगा है.
इस ग्रीन हाईवे के बन जाने से इन इलाकों में क्षेत्रीय विकास, रोजगार के अवसरों, पर्यटन, कृषि और उद्योग को बढ़ा मिलेगा. यहां के स्थानीय लोगों को भी लाभ पहुंचेगा. जिसके वजह से आर्थिक क्षेत्र मजबूत होगा . इन गांवों में सहूलियत होगी. साथ ही साथ इसके बन जाने से ट्रैफिक में भी कमी आएगी.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.