कानपुर के रमईपुर से महोबा के कबरई तक 112 किलोमीटर लंबे फोरलेन ग्रीइ हाईवे का निर्माण कार्य बस आखिरी चरण हैं.
कानपुर के रमईपुर से महोबा के कबरई तक 112 किलोमीटर लंबा फोरलेन ग्रीन हाईवे बनने की तैयारी जोरों पर है. 3900 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस परियोजना की डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
इस हाईवे के बनने से न केवल यातायात का भार कम होगा बल्कि सड़क हादसों पर भी लगाम लगेगी. यह हाईवे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के निर्देशों के बाद इस परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है. निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की संभावना है.
2021 में केंद्र सरकार ने रमईपुर के रिंग रोड से महोबा के कबरई तक फोरलेन हाईवे बनाने की घोषणा की थी. यह हाईवे कानपुर-सागर मार्ग के साथ जुड़कर यातायात को सुगम बनाएगा.
यह ग्रीन हाईवे कानपुर नगर, फतेहपुर, हमीरपुर और महोबा जिलों के 96 गांवों से होकर गुजरेगा. इससे इन इलाकों में बुनियादी ढांचे और रोजगार के अवसरों में वृद्धि की उम्मीद है.
हाईवे हमीरपुर के पत्योरा डांडा, देवगांव, जलाला, पचखुरा बुजुर्ग जैसे गांवों से होते हुए महोबा के कबरई, गौहरी और बरवई तक पहुंचेगा. इन गांवों को बेहतर सड़क कनेक्टिविटी मिलेगी.
इस हाईवे से न केवल यातायात सुरक्षित होगा बल्कि परिवहन के समय और लागत में भी कमी आएगी. यह परियोजना सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल यात्रा का बेहतर उदाहरण होगी.
इस साल रोहाइन नाला में समानांतर पुलों का निर्माण कार्य भी पूरा होने की उम्मीद है. यह हाईवे उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा में मील का पत्थर साबित होगा.
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