धड़ल्ले से शुरू होगा अलीगढ़ पुरानी चुंगी फ्लाईओवर का निर्माण, फर्राटे से पहुंचेंगे बरौला-जाफराबाद
Aligarh old chungi flyover: फ्लाईओवर के दोनों ओर से पहुंच मार्ग व सर्विस लेन का काम पूरा नहीं हो सका. इससे राहगीरों को कई किलोमीटर का चक्कर काटना पड़ रहा है.
अलीगढ़ पुरानी चुंगी फ्लाईओवर के निर्माण को जल्द ही रफ्तार मिलेगी. इसके पूरा होने से इलाके की यातायात व्यवस्था में सुधार होगा. राहगीरों को कई किलोमीटर का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा.
निवासियों को राहत
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यह परियोजना इलाके के निवासियों के लिए एक बड़ी राहत होगी, क्योंकि इससे यातायात की भीड़भाड़ कम होगी और लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में आसानी होगी.एएमयू ने सेतु निगम को कोई आपत्ति नहीं का प्रमाणपत्र दे दिया है.
होंगे कई महत्वपूर्ण काम
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इस परियोजना के तहत कई महत्वपूर्ण कार्य किए जाएंगे, जिनमें फ्लाईओवर का निर्माण, सड़कों का चौड़ीकरण और यातायात प्रबंधन प्रणाली की स्थापना शामिल है.
नगला पटवारी बाईपास से जोड़ने के लिए फ्लाईओवर
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अलीगढ़ एएमयू पुरानी चुंगी से जाने वाले रास्ते को नगला पटवारी बाईपास से जोड़ने के लिए अलीगढ़-बरेली रेलवे लाइन क्रॉसिंग पर करीब 700 मीटर लंबे फ्लाईओवर के निर्माण का काम पांच साल पहले शुरू हुआ था.
स्थानीय लोगों को राहत
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रेलवे लाइन पार कर जाने में खतरा रहता है. रात में हादसे की आशंका बनी रहती है. यह पुल शहर के अनूपशहर रोड को दिल्ली बाईपास से जोड़ने के साथ आसपास के रिहायशी इलाकों के लोगों के आने-जाने में लाभदायक होगा.
बनेगा फ्लाईओवर
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इस रास्ते में रेलवे लाइन पर फ्लाईओवर का बनना जरूरी है. इसके बनने से घूमकर नहीं जाना पड़ेगा. इससे समय की बचत होगी. फ्लाईओवरअलीगढ़-बरेली रेलवे लाइन क्रॉसिंग 85वी/ई-2 पर बनेगा .
कितना है बजट
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शासन स्तर से फ्लाईओवर के निर्माण के लिए 55.20 करोड़ का बजट जारी कर दिया गया है. इसका निर्माण कार्य तीन साल में पूरा होना था, लेकिन कोरोना संक्रमण काल के चलते दो साल तक काम बंद रहा.
फ्लाईओवर निर्माण से इनको होगा फायदा
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इस फ्लाईओवर का निर्माण पूरा होने से अनूपशहर रोड को दिल्ली बाईपास से जोड़ने के साथ ही स्थानीय इलाके नगला पटवारी, मौलाना आजाद नगर, फिरदौस नगर, बरौला-जाफराबाद से आने-जाने वाले लोगों के लिए भी यह काफी लाभदायक साबित होगा.
पांच साल पहले शुरू हुआ था निर्माण
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एएमयू पुरानी चुंगी से जाने वाले रास्ते को नगला पटवारी बाईपास से जोड़ने के लिए अलीगढ़-बरेली रेलवे लाइन क्रॉसिंग पर करीब 700 मीटर लंबे फ्लाईओवर के निर्माण का काम पांच साल पहले शुरू हुआ था. निर्माण कार्य तीन साल में पूरा होना था, लेकिन कोरोना संक्रमण काल के चलते दो साल तक काम बंद रहा.
डिस्क्लेमर
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लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.
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