राज्यसभा सांसद संजय कुमार की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने बताया कि कार्य प्रगति पर है. पहले चरण में डीपीआर, अलाइनमेंट और भूमि अधिग्रहण का काम हो रहा है.
गोरखपुर से सिलीगुड़ी तब प्रस्तावित नया एक्सप्रेसवे पूर्वांचल के लिए गेमचेंजर साबित होगा. यह उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे मिलने जा रहा है.
गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक बनने वाला यह नया एक्सप्रेसवे तीन राज्यों से गुजरेगा. इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 519 किलोमीटर है. इसका फायदा यूपी के तीन जिलों को मिलेगा.
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे के निर्माण से इन दोनों शहरों की दूरी करीब 600 किलोमीटर कम हो जाएगी. यात्रा का समय 15 घंटे से घटकर केवल 9 घंटे रह जाएगा. साल 2028 तक इस एक्सप्रेस-वे को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
नया गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे का सीधा फायदा यूपी के तीन जिलों गोरखपुर, कुशीनगर और देवरिया को मिलेगा. यहां से पश्चिम बंगाल पहुंचना आसान हो जाएगा.
गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक जाने वाले इस एक्सप्रेसवे से गोरखपुर के साथ कुशीनगर और देवरिया को भी लाभ होगा. इन जिलों के 111 गांव की जमीन का अधिग्रहण किया गया है.
जिन 111 गांव का अधिग्रहण किया गया है. उसमें कुशीनगर के तमकुहीराज के 42 गांव, हाटा के 19 गांव, कसाया के 13 गांव शामिल हैं. इसके अलावा चौरी चौरा के 14 गांव, देवरिया सदर के 23 गांव शामिल हैं.
गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे बिहार के 8 जिलों से होकर गुजरेगा. जिसमें पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज शामिल हैं. यहां गंडक नदी पर एक पुल भी बनाया जाएगा.
यूपी से गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे करीब 84.3 किलोमीटर गुजरेगा. जबकि बिहार का 416 किलोमीटर, पश्चिम बंगाल में इसका 18.97 किलोमीटर हिस्सा है.
गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक जाने वाले इस एक्सप्रेस-वे से उत्तर प्रदेश बिहार और पश्चिम बंगाल तक का सफर बेहद सुविधाजनक और कम समय में पूरा हो सकेगा.
इस एक्सप्रेस-वे को स्टेट हाईवे, नेशनल हाईवो और मेन रोड से कनेक्टि किया जाएगा. यूपी की बात करें तो गोरखपुर-आजमगढ़ लिंक एक्सप्रेस वे भी इससे जोड़ा जाएगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से भी जोड़ने की तैयारी की जा रही है. इससे दिल्ली जाने का रास्ता आसान हो जाएगा.
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