Uttarakhand Haldwani News: हल्द्वानी हिंसा मामले को लेकर मुस्लिम संगठनों के नेता हल्द्वानी पहुंचे. जमीयत-उलेमा-ए-हिंद और जमात-ए-इस्लामिया हिंद के नेताओ ने SDM हल्द्वानी से बातचीत की. जानें SDM से इन नेताओं की क्या बात हुई....
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Haldwani Curfew Update: हल्द्वानी हिंसा को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है. हल्द्वानी में हुई हिंसा को लेकर मुस्लिम संगठनों के नेता हल्द्वानी पहुंचे, जमीयत-उलेमा-ए-हिंद और जमात-ए-इस्लामिया हिंद के नेताओ ने SDM हल्द्वानी से बातचीत की. हल्द्वानी हिंसा पर प्रशासन से बातचीत के लिए पहुंचे मुस्लिम संगठन SDM से मिले. उन्होंने कहा कि बिना कोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण तोड़ने की कार्यवाही की गई. जिसके बाद बबाल हुआ और हकीकत यह है कि हज़ारों लोग पलायन कर चुके हैं. लिहाज़ा ये अपील हैं की लोंगो में डर खत्म होना चाहिए. जमीयत उलेमा ए हिन्द के प्रतिनिधियों ने कर्फ्यू ग्रस्त इलाके में जाने के लिए प्रशासन से अपील की लेकिन प्रशासन नहीं माना.
हिंसा के मास्टरमाइंड भी गिरफ्तार
हल्द्वानी हिंसा का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया है. उत्तराखंड और दिल्ली पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में अब्दुल मलिक को गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि, अभी पुलिस अधिकारियों की तरफ से गिरफ्तारी को लेकर कुछ भी नहीं जानकारी नहीं दी गई है. हिंसा भड़काने के आरोप में उत्तराखंड पुलिस ने अब तक सौ से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है.
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क्या हिंसा प्रशासन की चूक थी?
हल्द्वानी हिंसा के मामले में जानकारी मिली की एक हफ्टे पहले ही इंटेलिजेंस ने प्रशासन को रिपोर्ट भेजी थी, जिसमें कहा गया था कि मस्जिद और मदरसे को हटाने की कार्रवाई को लेकर अब्दुल मलिक के साथ मुस्लिम संगठन और कट्टरपंथी लोग विरोध कर सकते हैं. एजेंसी ने बनभूलपुरा विवादित स्थल पर विरोध-प्रदर्शन के बारे में सूचित भी किया था. एजेंसी ने रिपोर्ट में बताया था कि हिंसा में महिलाएं और बच्चे भी शामिल रह सकते हैं.
अब्दुल मलिक की कुमाऊं कमिश्नर से बातचीत
इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि जमीयत उलेमा हिंद और अब्दुल मलिक की कुमाऊं कमिश्नर से बातचीत हुई थी. अब्दुल मलिक ने प्रस्तावित अतिक्रमण की कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए कहा था. रिपोर्ट में कार्रवाई के दौरान विरोध को लेकर फोटोग्राफी, पीएसी तैनाती, अतिक्रमण को तड़के हटाए जाने जैसे तरीकों को भी अपनाने की सलाह दी गई थी, लेकिन स्थानीय स्तर पर हर बिंदु पर लापरवाही दिखाई, जिसका नतीजा हल्द्वानी हिंसा रहा. इसके बाद जब बनभूलपुरा में नगर निगम और पुलिस प्रशासन की टीम अवैध मदरसा और धार्मिक स्थल को तोड़ने पहुंची तो गुस्साई भीड़ ने टीम पर पथराव और आगजनी की थी. हमले में 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उपद्रवियों के खिलाफ सख्त ऐक्शन लेने के आदेश दिए थे.
पूर्व मुख्यमंत्री का बयान
हल्द्वानी की घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सवाल उठाया है उनका कहना है कि जिस तरह से घटना हुई है अगर इसमें इंटेलिजेंस को सूचना नहीं थी तो यह उसकी नाकामी है अगर इंटेलिजेंस ने घटना के पहले जानकारी दी थी तो पुलिस ने क्यों बड़ा कदम नहीं उठाया उनका कहना है कि इस पूरे मामले की जांच करने की जरूरत है.