UCC laws in Uttarakhand: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कानून लागू राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के साथ लागू हो गया है. इसके कड़े प्रावधान भी साथ ही लागू हो गए हैं.
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Uttarakhand Uniform Civil Code Bill: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कानून लागू हो गया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस बिल को बुधवार को मंजूरी देदी. उत्तराखण्ड विधानसभा से पारित होने के बाद राज्यपाल ने UCC बिल को हरी झंडी दिखाई थी. अब वैधानिक तौर पर उत्तराखंड में UCC लागू हो गया है.
लिव इन पर लगा पहरा
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कानून लागू होने के साथ लिव इन रिलेशनशिप को लेकर कड़े कानून लागू कर दिए गए हैं. लिव इन में रहने की जानकारी बच्चों को अपने अभिभावकों को देनी होगी. इसके लिए पुलिस स्टेशन को जानकारी देना अनिवार्य होगा. लिव इन खत्म करने की सूचना भी दोबारा पुलिस प्रशासन को देनी होगी. इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
LIVE In Relationship rules in UCC: लिव इन में कड़ी शर्तें
लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले लड़का लड़की में अगर किसी की भी उम्र 21 साल से कम है तो इसे मान्यता नहीं मिलेगी. 21 साल से कम उम्र के लिए माता-पिता की सहमति अनिवार्य होगी. अगर मां-बाप को बिना बताए एक महीने से ज्यादा लिव इन रिलेशनशिप में रहते हैं तो तीन महीने की जेल औऱ 10 हजार रुपये तक जुर्माना हो सकता है. लिव इन की जानकारी संबंधित थाना प्रभारी को भेजी जाएगी. फिर से जानकारी रजिस्ट्रेशन के साथ रजिस्ट्रार के पास भी जाएगी. अगर इसमें कोई तथ्य छिपाकर लिव इन में रहते हैं तो जोड़े को तीन महीने की जेल और 25 हजार रुपये तक जुर्माना हो सकता है. धोखे, जबरदस्ती या किसी भी तरह के प्रलोभन के तहत लिव इन को मान्यता नहीं दी जाएगी. लिव इन में जन्मा बच्चा भी वैध होगा. वैध संतान की तरह भी उसे परिवार में सभी कानूनी अधिकार मिलेंगी.
उत्तराखंड में नए कानून के बाद से एक से ज्यादा शादियों पर भी रोक लगा दी गई है. तलाक, उत्तराधिकार जैसे अन्य मसलों पर सभी धर्मों के लिए एक जैसा कानून बन गया है. मुस्लिमों में भी तलाक के बिना दूसरी शादी करने पर रोक होगी.
महिलाओं को बराबरी का हक
समान नागरिक संहिता के तहत महिलाओं को परिवार की संपत्ति में बराबरी का हक मिलेगा. इस्लाम में हलाला, इद्दत और तीन तलाक जैसी परंपरराएं गैरकानूनी होंगी और ऐसा करने पर सजा का प्रावधान है. शादी, तलाक और बहुविवाह जैसे मामलों में अब मुस्लिम पर्सनल लॉ लागू नहीं होगा. समान नागरिक संहिता, उत्तराखंड 2024 विधेयक राज्य की अनुसूचित जनजातियों पर लागू नहीं है.
लव जिहाद का मुद्दा
लव जिहाद जैसे मुद्दों पर सियासी विवाद के बीच उत्तराखंड में लिव इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है. ऐसा न करने पर कानूनी कार्रवाई का सामना करना होगा. उत्तराखंड में मुसलमानों की आबादी करीब 12 फीसदी है. हाल ही में तमाम अवैध तरीके से बनाई गई मस्जिदों-मदरसों को हटाने को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई में सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है. हल्द्वानी में इसी को लेकर हिंसा भी देखने को मिली थी.