Pre-wedding shoot: दिल्ली के रहने वाले 27 साल के मानस और अंजली अपनी शादी से पहले प्री-वेडिंग शूट के लिए ब्यासी पहुंचे थे. शूटिंग के दौरान अचानक गंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया. इस कारण बात दोनों की जान पर बन आई.
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Rishikesh News: शादी से पहले होने वाले प्रीवेडिंग शूट को लेकर लोगों में काफी एक्साइटमेंट होता है. कुछ अलग हटकर करने की कोशिश में लोग अक्सर नई-नई जगह जाकर प्री वेडिंग शूट कराना पसंद करते हैं. लेकिन दिल्ली के कपल को ऐसा करना भारी पड़ गया. ऋषिकेश में गंगा के बीच प्री-वेडिंग शूट के दौरान दिल्ली से आए एक कपल का जीवन खतरे में पड़ गया. शूट के दौरान गंगा का जलस्तर अचानक बढ़ गया. इस दौरान दोनों टापू पर फंस गए. ऐसे में युवक का पैर फिसल गया. मौके पर पहुंची एसडीआरएफ की टीम ने ग्रामीणों की मदद से रेस्क्यू कर दोनों की जान बचाई.
कब हुई घटना
एसडीआरएफ के मुताबिक, घटना गुरुवार की है. दिल्ली निवासी मानस और अंजलि प्री-वेडिंग शूट के लिए ऋषिकेश आए थे. दोनों ऋषिकेश-बदरीनाथ मार्ग पर ब्यासी से पहले माला खूंटी पुल पर शूटिंग करा रहे थे. फोटोग्राफर ने उन्हें तस्वीरें लेने के लिए गंगा किनारे एक पत्थर पर बिठा दिया था. इसी बीच गंगा का जलस्तर बढ़ जाने से कपल नदी में फंस गया. कुछ ही पलों में पानी पत्थर के ऊपर से बहने लगा. इस दौरान युवक का पैर फिसल गया. बताया जा रहा है, कि पानी में बहने की वजह से युवक बेहोश हो गया था.
कैसे किया रेस्क्यू
मौजूद राफ्टिंग और कैंप संचालक राफ्ट लेकर मौके पर पहुंचे और रस्सी की मदद से कपल को राफ्ट तक लाने के लिए प्रयास शुरू किया. नदी में हर पल जलस्तर बढ़ने के साथ ही बहाव तेज होता जा रहा था और राफ्ट संचालकों के कई प्रयास के बाद भी कपल रस्सी नहीं पकड़ पा रहे थे. राफ्ट सवार युवकों ने किसी तरह अंजलि को तो राफ्ट में खींच लिया, लेकिन मानस करीब 500 मीटर तक बहता चला गया. हालांकि, युवकों ने हार नहीं मानी और कड़ी मशक्कत के बाद मानस को भी राफ्ट में ले आए. लेकिन, तब तक पेट में काफी पानी चला गया था. जिसकी वजह से वह बेहोश हो गया था. इस बीच एसडीआरएफ के जवान भी मौके पर पहुंच गए. एसडीआरएफ की टीम ने सीपीआर दिया, तब जाकर युवक की सांस लौटी.
ड्रोन उड़ाने के लिए अनुमति लेना जरूरी
ऋषिकेश का कौड़ियाला-मुनिकीरेती ईको टूरिज्म जोन पर हर वर्ष बड़ी संख्या में लोग प्री-वेडिंग शूट के लिए पहुंचते हैं. लेकिन, शूटिंग के दौरान नियम-कायदों का ध्यान नहीं रखा जाता है. बताया जा रहा है, कि बिना अनुमति के यहां ड्रोन कैमरों का संचालन करते हैं. जबकि, ड्रोन उड़ाने के लिए वन विभाग या स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेना जरूरी है. साथ ही गंगा तट पर हानिकारक रंगीन गैस के सिलेंडर भी इस्तेमाल किए जा रहे हैं. कई लोग तो नदी में भी हानिकारक रंगीन गैस उड़ाकर शूटिंग कराते हैं.