Banda News: बांदा में काशी-मथुरा जैसा मंदिर-मस्जिद विवाद, प्राचीन शिव मंदिर से जोड़कर बनी मस्जिद पर हिन्दू संगठनों ने काटा बवाल
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Banda News: बांदा में काशी-मथुरा जैसा मंदिर-मस्जिद विवाद, प्राचीन शिव मंदिर से जोड़कर बनी मस्जिद पर हिन्दू संगठनों ने काटा बवाल

Banda Hindi News: बांदा में स्थित प्राचीन बामदेव शिव मंदिर के पास अवैध मस्जिद का निर्माण विवाद का कारण बना है. विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने इसका विरोध करते हुए इसे हटाने की मांग की है. इस विवाद के बाद क्षेत्र में असंतोष और विरोध की लहरें उठी हैं. आइए जानते हैं पूरा मामला 

 

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Banda News/अतुल मिश्रा: उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में बाम्बेश्वर पर्वत पर स्थित बमदेव भोलेनाथ का ऐतिहासिक मंदिर है. कोरोना महामारी के दौरान इस पर्वत पर कुछ मुसलमानों ने अवैध रूप से एक मस्जिद का निर्माण कर लिया था. इस पर विरोध जताते हुए, विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष चंद्रमोहन बेदी ने जिला कलेक्टर, पुलिस कप्तान और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर इस मस्जिद को गिराने की मांग की है. विश्व हिंदू परिषद का आरोप है कि भगवान शिव के इस पर्वत पर यह मस्जिद छुपकर अवैध रूप से बनाई गई है. इस मंदिर से जुड़ी मान्यता के अनुसार, प्रभु श्रीराम ने वनवास काल के दौरान यहां के शिवलिंग में जलाभिषेक किया था और उनके दर्शन किए थे.

अयोध्या और काशी-मथुरा जैसी होगी स्थिति 
विश्व हिंदू परिषद ने पत्र में आरोप लगाया कि इस्लामिक तत्व भारत में इस्लामीकरण को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं और ऐसे कृत्य को विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि मस्जिद को तत्काल हटाया नहीं गया तो बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद इसे गिरा देंगे. बाम्बेश्वर पर्वत पर स्थित इस प्राचीन मंदिर के पुजारी पुत्तन महाराज और मंदिर कमेटी के अध्यक्ष ने भी इस मस्जिद का विरोध किया है, और दोनों ने इसे अयोध्या और काशी-मथुरा जैसी स्थिति में बदलने का खतरा बताया है.

कोरोना काल में मस्जिद का निर्माण
विश्व हिंदू परिषद के मंडल अध्यक्ष अशोक उमर ने बताया कि कोरोना काल के दौरान कट्टरपंथी मुसलमानों ने बाम्बेश्वर पर्वत पर एक अवैध मस्जिद का निर्माण किया. उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस मस्जिद को बुलडोजर से गिराया जाए. उनका आरोप है कि वहां लगभग आधा दर्जन मजार भी बन चुके हैं, और शुक्रवार को वहां जुमा की नमाज पढ़ी जाती है और रोज फातिहा की जाती है.

यहां पर पहले कोई मुस्लिम बस्ती नहीं 
जिला प्रशासन ने आरोप लगाया कि इस स्थान पर पहले कोई मुस्लिम बस्ती नहीं थी, लेकिन अब बड़ी संख्या में मुस्लिम लोग यहां बस गए हैं. प्रशासन से अनुरोध किया गया है कि इस अवैध निर्माण को रोका जाए, अन्यथा विश्व हिंदू परिषद इसे गिराने की कार्रवाई करेगा और इसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा. उन्होंने कहा कि अवैध मस्जिद और मजार बनाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए और उन्हें तुरंत जेल में डाला जाना चाहिए.

दीपू दीक्षित ने मुसलमानों को 'कैंसर' कहा 
विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री दीपू दीक्षित ने इन मुसलमानों को "कैंसर" करार देते हुए कहा कि उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. शुरू में मुसलमानों ने रामदेव पर्वत के एक पत्थर को हरे रंग से रंगा, फिर वहां मजार बनाई और अब एक भव्य मस्जिद बना दी है. इसके बाद बड़ी संख्या में लोग मुसलमान टोपी पहनकर वहां आने लगे हैं. दीक्षित ने चेतावनी दी कि अगर इसे समय रहते नहीं रोका गया, तो यह मथुरा और काशी जैसी स्थिति उत्पन्न कर सकता है, जो एक गंभीर समस्या बन सकती है. 

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