Shahjahanpur News: शाहजहांपुर के लोक निर्माण विभाग में 12 साल से नौकरी कर रहे अंबर सक्सेना को फर्जीवाड़े के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया है. मृतक आश्रित कोटे के तहत नौकरी पाने वाले अंबर ने अपनी मां की सरकारी नौकरी की जानकारी छुपाई थी. विभाग अब उनसे 12 साल की तनख्वाह की वसूली करेगा.
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Shahjahanpur News: शाहजहांपुर के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में 12 साल पुराने फर्जीवाड़े का सनसनीखेज खुलासा हुआ है. मृतक आश्रित कोटे के तहत नौकरी पाने वाले अंबर सक्सेना को नौकरी के दौरान महत्वपूर्ण तथ्यों को छुपाने का दोषी पाया गया है. लोकायुक्त की जांच में मामला उजागर होने के बाद अंबर सक्सेना को बर्खास्त कर दिया गया है.
पिता की जगह मां की नौकरी की जानकारी छुपाई
करीब 12 साल पहले, अंबर सक्सेना ने अपने पिता की मृत्यु के बाद मृतक आश्रित कोटे के तहत पीडब्ल्यूडी के प्रांतीय खंड में बाबू के पद पर नियुक्ति पाई थी. हालांकि, नियुक्ति प्रक्रिया में उन्होंने यह तथ्य छुपाया कि उनकी मां पहले से ही सरकारी नौकरी में थीं. सरकारी नियमों के अनुसार, मृतक आश्रित कोटे का लाभ तभी मिलता है जब परिवार में अन्य कोई सदस्य सरकारी सेवा में न हो.
जांच में फर्जीवाड़े की पुष्टि
इस मामले की शुरुआत तब हुई, जब किसी अज्ञात व्यक्ति ने लोकायुक्त को अंबर सक्सेना के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. लोकायुक्त की जांच के आदेश पर शाहजहांपुर के तत्कालीन एक्सईएन नारायण सिंह ने मामले की जांच की.
जांच में यह साबित हुआ कि अंबर ने नौकरी पाने के लिए अपनी मां की सरकारी नौकरी की जानकारी छुपाई थी. दोषी पाए जाने पर पहले उन्हें निलंबित किया गया और अब उनकी बर्खास्तगी की कार्रवाई पूरी कर ली गई है.
तनख्वाह की होगी वसूली, कानूनी कार्रवाई की तैयारी
लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता प्रकाश चंद्र ने अंबर सक्सेना की बर्खास्तगी की रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी है. इसके साथ ही विभाग अब उनसे 12 साल की नौकरी के दौरान ली गई सारी तनख्वाह की वसूली करेगा. इसके अलावा, फर्जी दस्तावेज़ों और तथ्यों को छुपाने के लिए अंबर पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है.
नियुक्ति प्रक्रिया में हुई लापरवाही
यह मामला सरकारी नियुक्ति प्रक्रिया की खामियों को उजागर करता है. मृतक आश्रित कोटे के तहत नौकरी मिलने के बाद भी विभाग ने अंबर सक्सेना के दस्तावेजों की जांच में गंभीरता नहीं दिखाई. यह लापरवाही 12 साल तक चलती रही और अगर शिकायत नहीं की जाती, तो यह फर्जीवाड़ा और लंबा चलता.
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