Shabana Azmi Birthday Special: बॉलीवुड एक्ट्रेस शबाना आजमी की कर्मभूमि भले ही मायानगरी मुंबई हो लेकिन उनका नाता उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से है. वह बेहद ही स्वाभिमानी और आत्मनिर्भर किस्म की हैं. कभी उन्होंने घरवालों की मदद के लिए कॉफी बेचकर 30 रु. कमाए तो कभी वो स्कूल जाने के लिए मिलने वाले पैसों में से 5 पैसे बचाने के लिए बस स्टैंड से पहले ही उतर जाया करती थीं. उनके जन्मदिन पर जानते हैं उनके जीवन के अनकहे किस्से.
बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा शबाना आजमी 18 सितंबर को अपना 74वां जन्मदिन मना रही है. अपनी बेहतरीन अदाकारी से बॉलीवुड को कई हिट फिल्में देने वाली शबाना आजमी की कर्मभूमि भले ही कई बरसों से मुंबई है लेकिन दरअसल उनका पैतृक गांव उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में है. वह अक्सर अपने पैतृक गांव मिजवां जाती भी रहती हैं. उनके जन्मदिन के अवसर आइये आपको सुनाते हैं शबाना आजमी के कुछ ऐसे किसे जिनके बारे में बहुत ही कम लोग जानते होंगे.
शबाना आजमी की मां, शौकत आजमी की आत्मकथा 'कैफ एंड आई मेमॉयर' में शबाना के बचपन से जुड़े कुछ बेहद निजी और संवेदनशील घटनाओं का जिक्र किया गया है. शौकत आजमी भी खुद एक अभिनेत्री रही हैं, जिन्होंने 'उमराव जान' और 'सलाम बॉम्बे' जैसी फिल्मों में अभिनय किया. मई 2019 में शौकत आजमी का निधन हो गया था.
शौकत आजमी अपनी किताब में बताती हैं कि बचपन में शबाना ने दो बार खुदकुशी की कोशिश की थी. एक घटना का जिक्र करते हुए शौकत लिखती हैं, "शबाना को लगता था कि मैं उसके भाई बाबा को उससे ज्यादा प्यार करती हूं. इसमें कुछ सच्चाई भी थी, क्योंकि बाबा के आने से मेरे पहले बेटे खय्याम की कमी पूरी हो गई थी, जिसकी मौत हो चुकी थी. एक सुबह, मैंने शबाना की प्लेट से टोस्ट उठाकर बाबा को दे दिया. इससे शबाना दुखी हो गई और उसने स्कूल की लैब में जाकर नीला थोथा (कॉपर सल्फेट) खा लिया. उसकी दोस्त परना ने मुझे बताया कि शबाना ने कहा कि मैं उससे ज्यादा बाबा को प्यार करती हूं."
शबाना का दूसरा आत्महत्या का प्रयास तब हुआ जब शौकत ने गुस्से में उसे घर से निकल जाने को कहा. इस घटना के बाद शबाना ग्रांट रोड स्टेशन पर ट्रेन के सामने कूदने की कोशिश कर रही थी, लेकिन स्कूल के चौकीदार ने उसे समय पर रोक लिया. शौकत ने लिखा, "उस घटना के बाद मैंने तय किया कि शबाना को घर से जाने के लिए कहने से पहले दो बार सोचूंगी."
शबाना के बचपन से जुड़े कुछ और दिलचस्प पहलुओं का जिक्र भी शौकत ने अपनी किताब में किया है. उन्होंने बताया कि शबाना बचपन से ही सिद्धांतों वाली लड़की रही हैं और कभी अपने माता-पिता से अतिरिक्त पैसे नहीं मांगे. यहां तक कि उसने जुहू चौपाटी पर 5 पैसे बचाने के लिए बस से पहले उतरना शुरू कर दिया था.
कॉलेज में दाखिला लेने से पहले, शबाना ने तीन महीने एक पेट्रोल स्टेशन पर ब्रू कॉफी बेची और रोजाना 30 रुपये कमाए. उसने यह बात अपनी मां को तब बताई, जब उन्होंने इससे इकट्ठा हुआ सारा पैसा शौकत को सौंपा था.
शबाना आजमी ने एक इंटरव्यू में यह भी बताया था कि वे कई सालों तक 'बैंडिट क्वीन' के निर्देशक शेखर कपूर के साथ रिश्ते में रही थीं. दोनों का ब्रेकअप आपसी सहमति से हुआ था, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने साथ में एक फिल्म की, जिसमें शेखर निर्देशक थे और उनकी पत्नी मेधा सहायक निर्देशक.
शबाना ने एक बार स्वीकार किया था कि उन्हें शशि कपूर पर क्रश था. शशि और उनकी पत्नी जेनिफर उनके पारिवारिक मित्र थे. शबाना ने बताया कि जब वे शशि कपूर के साथ 'फकीरा' (1976) फिल्म के लिए सिलेक्ट हुईं, तो उन्हें काफी घबराहट महसूस हुई थी.
शबाना और जावेद अख्तर की प्रेम कहानी भी काफी चर्चा में रही. शबाना ने बताया कि जावेद अक्सर उनके पिता कैफी आजमी के पास कविता लेकर आते थे और उनसे सलाह लिया करते थे. जावेद अख्तर की पहली शादी हनी ईरानी से हुई थी, लेकिन बाद में उन्होंने शबाना से शादी की.
9 दिसंबर 1984 को शबाना और जावेद अख्तर विवाह बंधन में बंधे. दोनों की अपनी कोई संतान नहीं है, जबकि जावेद के पहले विवाह से उनके दो बच्चे हैं – जोया अख्तर और फरहान अख्तर.