URI Terrorist Attack: जम्मू और कश्मीर के उरी सेक्टर में 18 सितंबर 2016 को आतंकी हमले की आज आठवीं बरसी है. यह हमला एलओसी के पास मौजूद भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर हुआ था. जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकवादियों किए गए इस हमले में भारत के 18 वीर जवान देश के लिए वीरगति को प्राप्त हो गए थे. वहीं जवाबी कार्रवाई में सेना ने सभी चारों आतंकवादियों को मार गिराया था. पिछले 20 सालों में यह भारत के ऊपर सबसे बड़ा आंतकी हमला था.
जम्मू और कश्मीर के उरी सेक्टर में 18 सितंबर 2016 को यह आतंकी हमला हुआ था. आज हम उरी हमले की आठवीं बरसी बना रहे हैं.
जम्मू और कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी के पास स्थित भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर यह हमला किया गया था. हमले में सेना के 18 जवान शहीद हुए थे.
हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी, इसी आतंकी संगठन के चार आतंकवादियों ने सेना मुख्यालय पर हमला किया था.
इस आतंकी हमले में यूपी के चार जवान शहीद हुए थे. इन चार शहीदों में तीन सिपाही तो एक लांस नायक के पद पर सेना में कार्यरत थे.
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रहने वाले लांस नायक आरके यादव 6 बिहार रेजिमेंट में थे. मात्र 33 साल की उम्र में देश की रक्षा के लिए इन्होंने अपनी प्राण न्यौछावर कर दिए.
सिपाही गणेश शंकर उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर जिले के घूरापाली गांव के निवासी थे. वह भी बिहर रेजिमेंट में सिपाही थे.
सिपाही हरेंद्र यादव उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के देऊपुर (पाही) गांव निवासी थे. बेहद गरीब परिवार से आने वाले शहीद सिपाही हरेंद्र यादव बचपन से बहुत बहादुर थे.
सिपाही राजेश कुमार सिंह 6 बिहार रेजिमेंट में तैनात थे. ये उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के रहने वाले थे. अपने बेटे की शहादत की खबर सुनकर इनके घरवालों ने भारत सरकार द्वारा जवाबी कार्रवाई करने तक भूख हड़ताल पर बैठ गए थे.
उरी हमले के 2 हफ्तों के अंदर ही भारतीय सेना ने POK में घुसकर 50 से ज्यादा आतंकवादियों को मारा था. यह हमला बहुत सुनियोजित तरीके से किया गया था.