Ayodhaya Hindi News: श्रीरामलला की सेवा में इस सर्दी के मौसम में विशेष ध्यान दिया जा रहा है. ट्रस्ट और पुजारियों ने मौसम के अनुसार वस्त्रों का चयन किया है. रामलला के वस्त्रों की डिजाइन और रंग, दिन के हिसाब से तय किए गए हैं.
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Ayodhaya News: अयोध्या में रामलला बाल स्वरूप में विराजमान हैं, और उनकी सेवा एक छोटे बालक की तरह की जा रही है. खासकर इस सर्दी में प्रभु राम को ठंड से बचाने के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है. 22 जनवरी, 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह उनके मंदिर में पहली सर्दी है. इस मौके पर उनके वस्त्रों के चयन में विशेष विचार-विमर्श किया गया है.
रामलला के सर्दियों के वस्त्र
रामलला को सर्दियों में ऊनी वस्त्र पहनाए जाएंगे, जिसमें विशेष रूप से लद्दाख की पश्मीना शॉल शामिल होगी. यह शॉल न केवल गर्मी प्रदान करती है, बल्कि इसकी चमक भी लंबे समय तक बनी रहती है. ऊनी वस्त्रों का निर्माण दिल्ली में किया जा रहा है, इन पर सोने-चांदी के तारों से जड़ाई की जाएगी. इसके बाद इन वस्त्रों को फ्लाइट के जरिए अयोध्या लाया जाएगा.
राजकुमार की तरह सजाएं जाएंगे रामलला
रामलला के वस्त्रों का डिजाइनर मशहूर डिजाइनर मनीष त्रिपाठी द्वारा तैयार किया गया है. राम मंदिर ट्रस्ट के अनुसार, रामलला को राजकुमार की तरह सजाया जाएगा, इसलिए उनके वस्त्र भी राजकुमारों जैसे विशेष होंगे. इसके अलावा, राम दरबार के लिए चार भाई और हनुमान जी के लिए भी ऊनी वस्त्र तैयार किए जा रहे हैं.
सर्दियों में नहीं लगेगा रामलला को दही का भोग
देवउठनी एकादशी के बाद रामलला को रजाई ओढ़ाई जाएगी और उनका भोग भी बदल दिया गया है. अब भगवान को रबड़ी, खीर, सूखा मेवा और शुद्ध देसी घी में बनी रोटियां और पूड़ियां अर्पित की जा रही हैं. इसके साथ ही, दही का भोग बंद कर दिया गया है. पश्मीना ऊन की शॉल की खासियत यह है कि यह कभी पुरानी नहीं होती और इसे साफ करने के लिए किसी प्रकार के साबुन का इस्तेमाल नहीं किया जाता. इसकी चमक हमेशा बनी रहती है, यह ठंड में शरीर को तुरंत गरमाहट प्रदान करती है.
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