भगवान श्रीकृष्ण ने क्यों किया था कर्ण का अंतिम संस्कार? जानें रहस्य

Sneha Aggarwal
Nov 05, 2023

देव पुत्र

कर्ण एक देव पुत्र थे, उसके बाद भी उन्हें काफी प्रताड़ना झेलनी पड़ी थी. कर्ण माता कुंती का पुत्र था, जो उन्हें वरदान में मिला था.

सूत पुत्र

बता दें कि उस समय कुंती अविवाहित थी इसलिए कुंती ने कर्ण को त्याग दिया था. इसके बाद कुंती ने उन्हें सबसे छुपाकर पाला. इसी वजह से कर्ण को सूत पुत्र के नाम से भी जाना जाता है.

महाभारत युद्ध

महाभारत युद्ध में कृष्ण पांडवों की और से लड़े थे. वहीं, कर्ण कौरवों की और से लड़े.

रहस्य

लेकिन इसके बावजूद भी भगवान श्रीकृष्ण ने कर्ण की अंतिम संस्कार क्यों किया? जानिए इस बात का रहस्य.

दानवीर

कर्ण को एक दानवीर कहा जाता है और श्रीकृष्ण ने कर्ण के अंतिम वक्त में उसकी परीक्षा ली थी.

दान

श्रीकृष्ण ने कर्ण से दान मांगा, जब कर्ण ने अपना सोने का दांत दे दिया था. इससे खुश होकर श्रीकृष्ण ने कर्ण से वरदान मांगने को कहा.

पहला वरदान

कर्ण ने श्रीकृष्ण से पहला वरदान मांगा कि अगले जन्म में उनके वर्ग के लोगों को कल्याण हो.

दूसरा वरदान

दूसरे वरदान में कहा कि अगला जन्म कर्ण का आपके राज्य में हो.

तीसरा वरदान

तीसरे वरदान में कर्ण ने कहा कि उसका अंतिन संस्कार कोई ऐसा करें जो पापों से मुक्त हो.

सोच में पड़ गए श्रीकृष्ण

भगवान श्रीकृष्ण ने कर्ण के सारे वरदान को मान लिया लेकिन तीसरे वरदान को लेकर सोचने लगे कि ऐसा कौन है जो सभी पापों से मुक्त हो.

वरदान किया पूरा

ऐसे में भगवान श्रीकृष्ण ने अपने वरदान को पूरा करने के लिए कर्ण का अंतिम संस्कार किया.

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