Tonk news: शंकर मीणा हत्याकांड मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस मुख्यालय क्राइम ब्रांच की टीम ने खुलासा कर मामले में बजरी रॉयल्टी नाके के 8 कार्मिकों को गिरफ्तार किया है. पुलिस मामले की जांच में जुटी है.
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Tonk: टोंक जिले के पीपलू थाना क्षेत्र में 27 जून की रात ट्रैक्टर चालक शंकर मीणा की निर्मम हत्या का पुलिस मुख्यालय क्राइम ब्रांच की टीम ने खुलासा कर मामले में बजरी रॉयल्टी नाके के 8 कार्मिकों को गिरफ्तार किया है. मामले में शेष आरोपियों की तलाश के लिए टीमें गठित कर दी गई है. साथ ही रॉयल्टी नाकों के मालिक, मैनेजर और लीज धारकों की अपराध में संलिप्तता के बारे में भी एसआईटी द्वारा अनुसंधान किया जा रहा है.
क्राइम ब्रांच को सौंपी गई थी जांच- DGP उमेश मिश्रा
DGP उमेश मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश पर रविवार 2 जून को इस प्रकरण की जांच पुलिस मुख्यालय क्राइम ब्रांच को सौंपी गई थी. अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस क्राइम दिनेश एमएन ने बताया कि 27 जून की रात करीब 10:30 बजे टोंक जिले में पीपलू थाना अंतर्गत गाता-डोडवाडी रोड पर ट्रैक्टर चालक शंकर मीणा की हत्या कर दी गई. 2 दिन धरना प्रदर्शन के बाद 29 जून को घटनास्थल पर मृतक के भाई पिंटू मीणा द्वारा दी गई रिपोर्ट पर थाना पीपलू में मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश बैरवा को सौंपा गया.
हत्याकांड के खुलासे के लिए गठित की गई SIT
एडीजी एमएन ने बताया कि मामले के खुलासे के लिए आईजी प्रफुल्ल कुमार के सुपरविजन में एसआईटी गठित की गई. जिसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नेम सिंह, आशाराम चौधरी व राजेश मलिक, पुलिस निरीक्षक हनुमान सिंह, रविंद्र यादव व राम सिंह, एएसआई रामकरण और कॉन्स्टेबल रतीराम शामिल थे.
गठित एसआईटी द्वारा तकनीकी अनुसंधान कर आरोपियों की घटनास्थल पर मौजूदगी सुनिश्चित की. मामले का खुलासा करते हुए टीम ने 8 आरोपियों नीमकाथाना सीकर निवासी सागरमल चौधरी, राकेश उर्फ शेरा जाट, सुरेंद्र गुर्जर, राजेंद्र उर्फ मुकेश जाट व अभिषेक कुमावत, जोबनेर निवासी महेंद्र सिंह, बानसूर निवासी मुकेश तंवर और सीकर निवासी सतवीर सिंह को गिरफ्तार किया गया.
एडीजी ने बताया कि यह सभी आरोपी रॉयल्टी नाकों के प्राइवेट कर्मचारी है, जो क्षेत्र में अवैध रूप से गश्त और धरपकड़ करते हैं. घटना के रोज रॉयल्टी नाका पर बजरी के चार ट्रेक्टर आने की सूचना पर आरोपी सागरमल चौधरी ने अलग-अलग रॉयल्टी नाकों से अपने कार्मिकों को बुलाया. फिर सभी एक बिना नंबरी बोलेरो और दो बोलेरो कैंपर में सवार होकर गाता-डोड़वाड़ी रोड पहुंचे.
ऐसे हुआ शंकर हत्याकांड
एमएन ने बताया कि रात 10:30 बजे शंकर मीणा और एक अन्य अपने ट्रैक्टर की लाइट बंद कर चल रहे थे. इसी बीच शंकर के दोस्त शक्ति सिंह ने कॉल कर आगाह किया कि आगे रॉयल्टी नाके के आदमी खड़े हैं. सूचना पर शंकर ने ट्रैक्टर से बजरी खाली कर दी और खाली ट्रैक्टर लेकर आगे बढ़ा. तभी बांयी और से रॉयल्टी नाका कार्मिकों ने शंकर के ट्रैक्टर को टक्कर मारी. उन्होंने बताया कि टक्कर से शंकर मीणा का ट्रैक्टर दायीं तरफ घूम कर सड़क के नीचे खेत मे सीमेंट के पोल और कांटेदार बाड़ से टकरा कर रुक गया. आरोपियों ने शंकर मीणा को ट्रैक्टर से नीचे उतारा और उसकी लाठियों से पीट-पीटकर हत्या कर दी. बाद में आरोपी ट्रैक्टर को घुमा कर वापस सड़क पर लाए और घटनास्थल से दूर खड़ा कर दिया तथा अपने वाहन भी वहां खड़े कर दिये.
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