टोंक न्यूज: टोंक में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सालों बाद 40 क्विंटल चना तुलेगा. को सरकार ने बड़ी राहत टोंक जिले में चल रहे आंदोलन पर किसानों को दी है. अब चने की समर्थन मूल्य पर खरीद होगी.
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टोंक: केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किसानों की जिंसों की समर्थन मूल्य पर खरीद को लेकर टोंक जिले में चल रहे आंदोलन पर किसानों को सरकार ने बड़ी राहत दी है. किसानों की लगातार मांग के बाद अब सालों बाद चने की समर्थन मूल्य पर खरीद होगी.पहले जहां एक किसान से 25 क्विंटल तक चना समर्थन मूल्य पर खरीदा जाता था. अब वहीं किसान से 40 क्विंटल चना समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा.
राजस्थान क्रय विक्रय सहकारी संघ ने पत्र लिखकर राजस्थान की सभी कृषि मंडियों के अधिकारियों एवं सहकारी समिति के अधिकारियों को इसके आदेश दिए हैं. आपकों बता दें टोंक जिले में लगातार किसान महापंचायत के बैनर तले किसान गांव बंद कर जिंसों को मंडियों ने नहीं बेचकर आंदोलन कर रहे थे.
जिसके बाद आज आदेश जारी होने पर किसानों ने सरकार का धन्यवाद दिया लेकिन किसानों ने चने के साथ सरसों की जिंसों की भी समर्थन मूल्य पर खरीद करने की मांग उठाई है. साथ ही कृषि मंडियों में व्यापारियों द्वारा समर्थन मूल्य से कम दर पर जिंसों के खरीद पर रोक लगाने की मांग उठाई है.
किसान नेता रामेश्वर चौधरी ने बताया कि टोंक की मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य के ऊपर से ही नीलामी आरम्भ को लेकर गांव बन्द आन्दोलन शुरू हुआ. जिसमें टोंक जिले के लाखों किसानों ने समर्थन रखते हुए गांव में फसल को रखकर विरोध किया. जिसका असर कृषि उपज मंडी समिति निवाई में देखा जा सकता है. गांव बन्द आन्दोलन के आगाज के दौरान पूर्व निवाई कृषि उपज मंडी समिति में प्रतिदिन 1100 किसानों द्वारा जिंस लेकर पहुंच रहें थे. आन्दोलन का असर दिखाई देने लगा शनिवार को मात्र 163 किसानों द्वारा ही मंडी परिसर में जिंस बेचने पहुंचे.
जिंस के दाम को लेकर महापंचायत पदाधिकारियों ने गांवों में सम्पर्क किया और किसानों को जिंस रोकने के लिए प्रेरित किया. साथ ही राजस्थान के सभी लोकसभा सदस्यों को 25 के स्थान पर 40 क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करने का आग्रह किया. जिसके तहत चने में तों 40 क्विंटल प्रति किसान कर दिया परन्तु सर्वाधिक उत्पादन सरसों का होता है उसमें परिवर्तन नहीं करनें से किसानों में गुस्सा भी हैं.
केन्द्र सरकार जल्द ही राजस्थान के किसानों को राहत पहुंचाने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 40 प्रतिशत सरसों की भी खरीद करें. सांसद सुखबीर सिंह जोनापुरिया के द्वारा सरकार को पाम ऑयल आयातित तेल पर 100% आयात शुल्क लगाने के लिए पत्र नहीं लिखा जा रहा है.इस कारण राजस्थान सांसदों के प्रति किसान महापंचायत एवं राजस्थान के किसानों में भी रोष उत्पन्न हो रहा है. चने की तरह ही किसानों को राहत प्रदान करने के लिए सरसों एवं मूंग से भी 25% खरीद का राइडर हटाया जावे.
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