राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर टोंक तैयार, लोग बोले- अब होगा हैला ख्याल दंगल
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राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर टोंक तैयार, लोग बोले- अब होगा हैला ख्याल दंगल

राजस्थान(Rajasthan) जारी राहुल गांधी(Rahul Gandhi ) की भारत जोड़ो यात्रा(Bharat Jodo Yatra) टोंक (Tonk)में 12 दिसंबर को प्रवेश करेगी. यहां प्रशासन इसकी तैयारी में लगा है वहीं स्थानीय लोग राहुल गांधी के साथ हैला ख्याल दंगल करने की सोच रहे हैं. इस दंगल में आरोप प्रत्यारोप का दौर चलता है और एक दूसरे पर टिप्पणी की जाती है.

 

प्रतीकात्मक फोटो

Tonk News : राजस्थान के टोंक में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा सैदरी गुजरान गांव से प्रवेश करेगी. 12 दिसंबर को सुबह ये यात्रा टोंक पहुंच सकती है. इसके लिए आवश्यक तैयारियों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं समेत प्रशासन भी तैयारी में जुटा है. इस दौरान होने वाले कार्यक्रमों के जरिए राहुल गांधी को टोंक की सांस्कृतिक परंपराओं से रूबरू कराया जाएगा.

सैदरी गुजरान गांव के स्कूल में भी तैयारी जोरों पर है. जहां पर राहुल गांधी के आने की संभावना है. हालांकि वहां से गुजर रही हाइटेंशन लाइन परेशानी का सबब है. फिर भी गांव के लोग राहुल गांधी को देखना और सुनना चाहते हैं. जिसको लेकर प्रशासन के अधिकारी तैयारियों के समीक्षा कर रहे हैं.

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पंचायत समिति सदस्य फोरुलाल मीणा का कहना है कि अगर उनको मौका मिला, तो वो राहुल गांधी के टोंक आने पर सांस्कृतिक धरोहर हैला ख्याल पद दंगल के जरिए उनका अनूठे स्वागत करेंगे. इसके लिए हैला ख्याल मंडली तैयारी में जुटी हुई है और राजीव गांधी का हीरा देश पर छाग्यो आदि पंक्तियों से ओत प्रोत हैला ख्याल के रुप में प्रस्तुत कर कलाकार खूब झूमेंगे.

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फुला बाबा, गुलाबचंद मीणा आदि ने सैदरी गुजरान में हैला ख्याल की प्रस्तुति दी. इस मौके पर उनके साथ रेल लाओ संघर्ष समिति के अकबर खान समेत रामराज गुर्जर सहित कई अन्य लोग पूरे उत्साह के साथ हैला ख्याल के रंग में रंगे नजर आए.

संगीत दंगल है हैला ख्याल
राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर के साथ ही हैला ख्याल लोक गायन कला है, जो सदियों से प्रचलित है. ये संगीत दंगल सवाई माधोपुर, दौसा, जयपुर, टोंक और करौली जिले की सांस्कृतिक धरोहर ही नहीं, अपितु हाड़ौती और ढूंढाड़ी संस्कृति के संगम के रूप में भी अपनी अनूठी पहचान रखती है.

ये गायक मंडली की तरफ से प्रस्तुत किया गया है. इसमें 40-50 अधिक गायक कलाकार भी हो सकते हैं. इसमें वाद्ययंत्र बाजा ढप, घेरे, मंजीरा, ढोलक, खरताल, पूंगी, ढोल, चंड चिमटा सहित अनेक पुरातन वाद्य यंत्रों का इस्तेमाल होता है.

भारत जोड़ो यात्रा 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरु हुई और कश्मीर तक जाएगी.  ये यात्रा करीब साढे 3 हजार किलोमीटर तक की होगी. जानकारी के अनुसार राजस्थान में 18 दिन तक ये यात्रा रहेगी. राजस्थान में 490 किलोमीटर के करीब ये यात्रा तय करेगी. सोनिया गांधी राजस्थान में सेलिब्रेट कर रही बर्थडे, क्या आज होगा सियासी संकट का निपटारा ?

राजस्थान के झालावाड़ से इस यात्रा ने 4 दिसंबर को प्रवेश किया. राजस्थान में ये यात्रा 19-20 दिसंबर तक चलेगी. उसके बाद हरियाणा में प्रवेश करेगी. टोंक में इसके 12 दिसंबर को सुबह प्रवेश करने की संभावना हैं. इसके तहत आवश्यक तैयारियां की जा रही है.

रिपोर्टर- पुरूषोत्तम जोशी

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