प्राचीन काल से भारतीय समाज में पर्यावरण संरक्षण को दिया महत्व, जानें...
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प्राचीन काल से भारतीय समाज में पर्यावरण संरक्षण को दिया महत्व, जानें...

श्री-क्षत्रिय युवक संघ के तत्वावधान में बाईपास पर स्थित मीरा बाई बालिका छात्रावास में कार्यपालक मजिस्ट्रेट और तहसीलदार प्रांजल कंवर के सानिध्य में कल्पवृक्ष का पौधा लगाया गया.

भारतीय समाज में पर्यावरण संरक्षण को दिया महत्व
Niwai: श्री-क्षत्रिय युवक संघ के तत्वावधान में बाईपास पर स्थित मीरा बाई बालिका छात्रावास में कार्यपालक मजिस्ट्रेट और तहसीलदार प्रांजल कंवर के सानिध्य में कल्पवृक्ष का पौधा लगाया गया. इस अवसर पर तहसीलदार कंवर ने कहा कि भारतीय समाज में आदिकाल से ही पर्यावरण संरक्षण को महत्व दिया गया है. 
 
 
भारतीय संस्कृति में पेड़ पौधों को पूजा जाता है. विभिन्न वृक्षों में विभिन्न देवताओं का वास माना जाता है. उन्होंने कहा कि पीपल के वृक्ष में भगवान विष्णु और कृष्ण, वट के वृक्ष में भगवान ब्रह्मा, विष्णु और कुबेर का वास माना जाता है. इसी प्रकार तुलसी में लक्ष्मी और विष्णु, सोम चंद्रमा, बेल के वृक्ष में भगवान शिव, अशोक के वृक्ष में इंद्रदेव, आम के वृक्ष में लक्ष्मी, कदंब में भगवान कृष्ण, नीम में मां शीतला और मंसा माता का वास होता है.
 
इसी प्रकार पलाश के पेड़ में ब्रह्मा और गंधर्व, गूलर में विष्णू और रूद्र और तमाल में कृष्ण का वास माना जाता है. उन्होंने कहा कि वराह पुराण में भी वृक्षों का महत्व बताया गया है, जो व्यक्ति एक पीपल, एक नीम, एक बरगद, दस फूल वाले पौधे या बेलें, दो अनार, दो नारंगी और पांच आम के वृक्ष लगाता है, वह नरक में नहीं जाता है. 
 
इस अवसर पर एडवोकेट तेजभंवर सिंह नटवाडा, देवराज सिंह धतुरी, पटवार संघ के अध्यक्ष धीरेन्द्र सिंह, एडवोकेट रणजीत सिंह, रामफूल शर्मा, जनकसिंह, अनिल कुमार चौधरी, चंचल राठौड, हनुवंतराज धतुरी सहित अनेक राजपूत सरदार मौजूद थे.
 
Reporter: Purshottam Joshi

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