Tonk Exclusive News: यह तस्वीर राजस्थान के टोंक जिले की है. जहां ग्राम पंचायत नानेर के मौजा गुजरान ढाणी तक जाने के लिए आमजन के लिए आम रास्ता तक नहीं है. यहां रहने वाले बाशिंदे घर में कैद हो जाते हैं और जो गांव के बाहर होते हैं उन्हें पड़ोसी गांव नानेर में ही शरण लेनी पड़ती है. मरीजों को जान जोखिम में डालकर ले जाया जाता है.
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Tonk Exclusive News: राजस्थान के टोंक जिले में आजादी के 75 सालों बाद किसी ने ऐसा सोचा भी नहीं था कि सरकार की योजनाएं पानी के आगे दम तोड़ देगी. सारी व्यवस्थाएं आमजन के लिए ही जी का जंजाल बन जाएगी. आए हम आपको ऐसी तस्वीर दिखाएंगे की इसे देखकर आपका मन विचलित हो सकता है, क्योंकि यह तस्वीर किसी दूसरे देश की नहीं है. बल्कि राजस्थान के टोंक जिले की है.
यह तस्वीर राजस्थान के टोंक जिले की है. जहां ग्राम पंचायत नानेर के मौजा गुजरान ढाणी तक जाने के लिए आमजन के लिए आम रास्ता तक नहीं है. जैसे ही बारिश का मौस शुरू होता है. यहां रहने वाले बाशिंदे घर में कैद हो जाते हैं और जो गांव के बाहर होते हैं उन्हें पड़ोसी गांव नानेर में ही शरण लेनी पड़ती है.
चुनाव विधानसभा के हो या लोकसभा के या फिर पंचायतराज के. हर कोई आम रास्ते को सुगम बनाने के दावे ठोक सत्ता का हिस्सा बन जाता है, लेकिन आज भी इस ढाणी में जाने के लिए कोई सुगम रास्ता नहीं है. बीते दिनों जब ढाणी के रहने वाले रतन बोकण की बेटी एक प्रसव पीड़ा हुई तो इस रास्ते में ट्रैक्टर के ट्यूब में हवा भरकर उसके ऊपर उलटा पलंग रखकर उसमें प्रसूता को पहले तो नानेर लाया गया.
फिर निजी वाहन से टोंक जनाना अस्पताल लाया गया. जहां आज उसके पुत्र पैदा होने के बाद डिस्चार्ज कर घर भेजा गया तो परिजन फिर उसी रास्ते पर निजी संशाधनों से ट्यूब और पलंग के सहारे करीब आधा दर्जन लोगों की जान जोखिम में डालकर रास्ते को पार करवा घर पहुंचे.
बताया जा रहा है कि इस रास्ते में सहोदरा नदी के उफान के बाद यह हाल होता है. तस्वीरों को देख आप अंदाजा लगा सकते हैं कि किस तरह से जान जोखिम में डाल कर प्रसूता और नवजात को रास्ता पार कर घर लाया गया. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर क्यों इस लाचार सिस्टम के लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होती. क्यों वादा करने वाले नेताओं को शर्म नहीं आती है.
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आपकों बता दें इस ढाणी में गुर्जर ,ब्राह्मण,भोपा ,जाट,व मुस्लिम समुदाय के लगभग 60,70 परिवार पिछले 70 वर्षों से निवास कर रहे है जिनको बरसात के मौसम मे सहोदरा नदी पार करने में विकट परेशानी का सामना करना पड़ता है. जिसमें प्रसव के समय महिलाओं को व बिमार व्यक्तियों को अस्पताल लाने ले जाने मे समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
कई बार स्थानीय विधायक और सांसद महोदय को भी अवगत करवाया जा चुका है. परन्तु अभी तक कई वर्षों से समाधान नहीं हो पाया, जो आज फिर उसी प्रकार प्रसव के लिए महिला को टायर के ट्युब पर बैठाकर चार पांच व्यक्तियों ने नदी पार करवाई जिसका विडियो है.