श्रीगंगानगर न्यूज: ग्राम पंचायत पतरोडा के सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी पर फर्जी बिल उठाने के आरोप लगे हैं. वहीं इस पूरे मामले में प्रशासन चुप्पी साधे बैठा हुआ है. ग्रामीण एसीबी में भ्रष्टाचार की शिकायत की बात कर रहे हैं.
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Anupgarh,Sriganganagar: अनूपगढ़ ग्राम पंचायत पतरोडा में उपसरपंच रमेश कुमार, वार्ड पंचों व ग्रामीणों ने सरपंच गुरमीत सिंह चहल और ग्राम विकास अधिकारी प्रेम सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए आज जमकर हंगामा किया.
सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी पर उक्त सभी ने आरोप लगाया कि गांव पतरोडा के कुछ वार्डों में इंटरलॉकिंग सड़क का बिल उठा लिया गया है मगर उन वार्डों में इंटरलॉकिंग सड़क का निर्माण नहीं हुआ है. वाटर वर्क्स से नहर तक ग्राम पंचायत के द्वारा पाइप लाइन डाली गई थी मगर उसका बिल भी सरपंच व ग्राम विकास अधिकारी ने फर्जी उठा लिया है. ग्रामीणों ने पंचायत समिति के जेईएन जसप्रीत सिंह पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं.
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत में हुए भ्रष्टाचार से कई बार प्रशासन को अवगत करवाया गया है मगर प्रशासन अभी तक चुप्पी साधे हुए बैठा है.
इंटरलॉकिंग सड़क के उठाए फर्जी बिल
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत प्रशासन के द्वारा वार्ड नंबर 7 में 28 अप्रैल 2022 को इंटरलॉकिंग सड़क निर्माण सामग्री के नाम पर ₹1 लाख का बिल उठाया गया है. मगर अभी तक इस वार्ड में इंटरलॉकिंग सड़क का निर्माण कार्य शुरू तक नहीं हो पाया है.वार्ड नंबर 5 में इंटरलॉकिंग सड़क के निर्माण के नाम पर मई 2023 में ₹2 लाख 72 हजार का बिल उठाया गया है जबकि वहां शुक्रवार को खड़वंजा सड़क बनाई गई है. जब मीडिया मौके पर पहुंची तो सरपंच ने कहा कि बिल उठा लिया तो क्या हुआ निर्माण भी हो जाएगा.
सरपंच ने इंटरलॉकिंग सड़क का करवाया निर्माण कार्य शुरू
ग्रामीणों के बुलाने पर जब मीडियाकर्मी मौके पर पहुंचे तो सरपंच ने आनन-फानन में इंटरलॉकिंग सड़क का निर्माण कार्य वार्ड नंबर 7 में शुरू करवा दिया. मगर जहां से इंटरलॉकिंग सड़क का निर्माण कार्य शुरू करवाया गया था तो उस स्थान का कोई प्रस्ताव पारित था, न हीं वर्क आर्डर जारी थे. सरपंच के द्वारा आनन-फानन में गलत जगह पर इंटरलॉकिंग सड़क का निर्माण कार्य शुरू करवा कर मामले को दबाने का प्रयास किया गया.
वार्ड नंबर 7 के वार्डपंच पुत्र लालजीत सिंह ने मौके पर पहुंचकर इंटरलॉकिंग सड़क का निर्माण कार्य रुकवाया और सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए.
पाइप लाइन में भी किया गया घपला
उप सरपंच रमेश कुमार ने बताया कि गांव पतरोडा के वाटरवर्क्स से लेकर नहर तक पाइप लाइन डाली जानी थी. सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी और पंचायत समिति के जेईएन ने कागजों में 1650 वर्ग फुट पाइप लाइन डाल कर उसका ₹3लाख 89 हजार 907 का बिल उठा लिया है जबकि मौके पर 725 वर्ग फुट पाइप लाइन भी डाली गई है.
अन्य कई स्थानों पर घपला आया सामने
ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी के द्वारा वार्ड नंबर 11 में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पर गेट लगाने के नाम पर ₹25000 का बिल उठा लिया था मगर गेट नही लगाया गया था.जब यह बात ग्रामीणों के सामने आई तो ग्रामीणों के हंगामा करने पर सरपंच ने शनिवार शाम को आंगनबाड़ी केंद्र पर गेट लगा दिया. गेट बनाने वाले मिस्त्री ने बताया कि इस गेट की लागत मात्र ₹9000 आई है. उप सरपंच रमेश कुमार ने बताया कि सरपंच के द्वारा 6ए की कृषि भूमि पर पानी का डिग्गी निर्माण करवाकर बिल भी उठा लिया है. जो कि नियमों के विरुद्ध है.
ग्राम विकास अधिकारी ने मीडिया कर्मियों को दी धमकी
ग्रामीणों की शिकायत पर जब मीडिया कर्मियों ने ग्राम विकास अधिकारी प्रेम सिंह से इस मामले में जानकारी लेनी चाही तो ग्राम विकास अधिकारी ने मीडियाकर्मियों को एससी एसटी के झूठे मामले में फंसाने और आत्महत्या करने की धमकी दे डाली. मीडिया कर्मियों ने इसकी सूचना पर पुलिस थाने में दे दी है.
एसीबी में ग्रामीण करेंगे शिकायत
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत में हुए भ्रष्टाचार की लिखित सूचना कई बार स्थानीय प्रशासन को दी जा चुकी है मगर प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासन अभी कोई कार्रवाई नहीं करेगा तो उन्हें मजबूरन एसीबी की शरण में जाना पड़ेगा. ग्राम विकास अधिकारी रविंद्र शर्मा ने बताया कि ग्रामीणों के द्वारा लगाए गए आरोप की निष्पक्षता से जांच की जाएगी.
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