Sirohi: हत्या के मामले में झूठा फंसाने के मामले में पीड़ित ने तत्कालीन थानाधिकारी के खिलाफ मामला करवाया दर्ज
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Sirohi: हत्या के मामले में झूठा फंसाने के मामले में पीड़ित ने तत्कालीन थानाधिकारी के खिलाफ मामला करवाया दर्ज

Sirohi news: हत्या के मामले में झूठा फंसाने के मामले में पीड़ित ने तत्कालीन थानाधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है.

 

Sirohi: हत्या के मामले में झूठा फंसाने के मामले में पीड़ित ने तत्कालीन थानाधिकारी के खिलाफ मामला करवाया दर्ज

Sirohi: सिरोही जिले के बहूचर्चित बरलूट थाना क्षेत्र के वीर झाड़ोली में वृद्ध लाडुदेवी की हत्या के मामले में लकमाराम देवासी को झूठा फंसाने और जेल में बन्द करने को लेकर पीड़ित ने अब बरलूट थाने में मामले के आईओ हुए तत्कालीन थानाधिकारी बाबूलाल राणा के खिलाफ झूठे मामले में फंसाने का मामला दर्ज करवाया. 

बरलूट थानाधिकारी देवेंद्र कच्छावह के अनुसार वीरझाड़ोली निवासी लकमाराम देवासी ने रिपोर्ट दर्ज करवाई कि करीब 5 वर्ष पूर्व गांव की वृद्ध महिला लाडुदेवी की अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी थी. जिसपर मृतका के पुत्र नाथाराम ने उसके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करवाया था. मामले दर्ज होने पर तत्कालीन थानाधिकारी बाबूलाल राणा उसे जबरदस्ती उठाकर ले गए और तीन दिन तक थाने में मारपीट की और जबरदस्ती लाडुदेवी हत्या का आरोपी बनाकर हामी भरवाई और 15 दिन तक रिमांड पर रखने के बाद जेल भेज दिया.

जेल में रहने के दौरान पाली जिले के भीमाना निवासी गेनाराम गरासिया से मुलाकत हुई. जिसने बताया उसे भी इसी हत्या के मामले में झूठा फंसाया गया जबकि हत्या वाले दिन वह तो बाली जेल में बन्द था. मामले में जांच होने के बाद वह निर्दोष साबित हुए और करीब 1 साल से बाहर रहा. पीड़ित ने झूठे मामले में फंसाने, मारपीट करने और मानसिक और आर्थिक नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा कर तत्कालीन थानाधिकारी एयर मामले में शामिल अन्य के खिलाफ मामला दर्ज करवाया पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की.

विधानसभा में भी उठा था मामला

लाडुदेवी हत्याकांड में निर्दोष को फंसाने को लेकर सिरोही विधायक संयम लोढ़ा ने विधानसभा में भी मामला उठाया और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.जेल में बन्द निर्दोष को रिहा करने और आर्थिक मुआवजे की मांग की थी.जिसपर पर विभिन्न एजेंसी द्वारा जांच की जिसमें लकमाराम निर्दोष साबित हुए और राज्य सरकार द्वारा पीड़ित को 5 लाख आर्थिक मुआवजा दिया गया. मामले में लखमाराम को उच्च न्यायालय से जमानत मिल चुकी है और सम्पूर्ण कार्रवाई को निरस्त करने के लिए याचिका पेश की गई है.

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