Sikar latest News: सीकर में आज महिलाओं ने भगवान गोवर्धन पर्वत स्वरूप गोबर से गोवर्धन बना कर की पूजा. महिलाओं ने गोवर्धन पूजन कर मांगी परिवार की खुशहाली.
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Sikar News: राजस्थान के सीकर में आज गोवर्धन पूजन महोत्सव हर्षोल्लास के साथ किया गया. दीपावली के दूसरे दिन अपने घरों में गाय के गोबर से भगवान गोवर्धन महाराज की आकृति बना कर महिलाए गोवर्धन पूजन करती है. पारम्परिक परिधानों में सजधकर छोटे-छोटे समूह में पूरे विधि-विधान के साथ श्रद्धालु महिलाओं ने गोवर्धन की सामूहिक रूप से पूजा-अर्चना कर परिवार में खुशहाली की कामनाएं की. इस दौरान महिलाओं ने सामूहिक रूप से गोवर्धन की पूरे विधी- विधान के साथ पूजा अर्चना कर गोबर से बने भगवान गोवर्धन की परिक्रमा की.
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विधि विधान के साथ की गई पूजा
हिन्दू धर्म में गोवर्धन पूजन की बहुत महत्व है, लोग इस पूजा को बहुत आस्था के साथ करते है. सदियों से महिलाए दीपावली के दूसरे दिन भगवान गोवर्धन की गोबर की आक्रिति बना कर भगवान गोवर्धन की पूरे विधि विधान के साथ पूजा करती है. और इसके साथ ही अपने परिवार की खुशहाली की कामना करती है.
गोवर्धन पूजन की पौरानिक कथा
महिला शकुंतला देवी ने बताया कि गोवर्धन पूजन के पिछे एक पौरानिक कथा है कि जब बृजवासी कृष्ण भगवान की पूजा करते थे, तो इंद्र ने कोप किया कि ये ब्रजवासी कृष्ण की पूजा क्यों करते हैं. ब्रजवासी मेरी पूजा क्यों नहीं करते हैं तो इंद्र देव ने पूरे ब्रज में तूफान और बरसात कर दी. पूरे ब्रज में पानी भर गया और बृजवासी और बृजवासियों का पशुधन डूबने लगा. तब जा कर बृजवासी भगवान कृष्ण के पास जा कर उन से सहायता मांगी.
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तर्जनी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाया
महिला शकुंतला देवी ने बताया कि उसके बाद भगवान कृष्ण ने सभी को गोवर्धन पर्वत के पास ले जाकर, अपनी तर्जनी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा कर सभी बृजवासियों को गोवर्धन पर्वत के नीचे ले जा कर जान बचाई. तभी से बृजवासी गोवर्धन पर्वत की पूजा करने लगे. और भगवान कृष्ण के प्रति उनकी आस्था और अधिक बढ़ गई. इसके साथ ही बृजवासियों के अलावा तभी से हिन्दू धर्म में सभी लोग गोबर का प्रतीक के रूप में गोबर की गोवर्धन बनाकर उसके पूजा करने लगें.