जिले का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन श्रीमाधोपुर 115 साल पूरे करने के बाद भी तरस रहा
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जिले का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन श्रीमाधोपुर 115 साल पूरे करने के बाद भी तरस रहा

श्रीमाधोपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों के संचालन ने 13 जुलाई आज बुधवार को 115 वर्ष पूरे किये है. आजादी से पहले 13 जुलाई 1907 को रेलगाड़ी स्टीम इंजन के साथ सर्वप्रथम श्रीमाधोपुर रेलवे स्टेशन पर आकर रुकी थी. सैकड़ों साल पुराना रेलवे स्टेशन आज ट्रेनों के ठहराव के लिए तरस रहा है.

श्रीमाधोपुर रेलवे स्टेशन 115 वर्ष पूरे किये.

Srimadhopur: सीकर जिले का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन श्रीमाधोपुर आज 115वां साल में प्रवेश कर गया. श्रीमाधोपुर रेलवे स्टेशन जिले का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन है,और आज के दिन ही रेलवे स्टेशन की स्थापना हुई थी. 115  साल पहले 1907 में आज ही के दिन श्रीमाधोपुर रेलवे स्टेशन पर भाप के इंजन वाली पहली रेल छुकछुक करती हुए आई थी. मीटर गेज से ब्रॉडगेज और भाप से कोयले,डीजल और बिजली के इंजन तक का सफर आंखों से देखने वाले श्रीमाधोपुर रेलवे पर पेश है.

115 वर्ष पूरे श्रीमाधोपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों के संचालन
श्रीमाधोपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों के संचालन ने 13 जुलाई आज बुधवार को 115 वर्ष पूरे किये है. आजादी से पहले 13 जुलाई 1907 को रेलगाड़ी स्टीम इंजन के साथ सर्वप्रथम श्रीमाधोपुर रेलवे स्टेशन पर आकर रुकी थी. स्टीम इंजन से शुरू हुई रेलगाड़ी का सफर डीजल इंजन और 27 जुलाई 2020 से इलेक्ट्रिक इंजन तक पहुंच गया है. 1907 में बनी फुलेरा-रेवाड़ी रेल लाइन से कस्बा जुड़ा तथा समय के साथ-साथ नगर विकास की गति भी बढ़ती गई.

ट्रेनों के ठहराव के लिए तरस रहा
आज कस्बा ब्रॉडगेज लाइन से दिल्ली,चंडीगढ़,बांद्रा इत्याादि बड़े शहरों से भी जुड़ चुका है. रेलवे स्टेशन की स्थापना के लिए शहर के भामाशाह मानपुरिया परिवार ने स्टेशन के लिए जमीन रेलवे को दी. श्रीमाधोपुर रेलवे स्टेशन से रींगस की ओर पहले फाटक को आज भी मानपुरिया फाटक के नाम से जाना जाता है. आज भले ही वहां फाटक नहीं है, लेकिन उसके स्थान पर बने रेलवे अंडर पास और ओवर ब्रिज ने उसका स्थान ले लिया है. शुरू के दिनों में रेल में आधी मालगाड़ी और आधी सवारी गाड़ी हुआ करती थी,किराया भी आने में हुआ करता था. अब तो श्रीमाधोपुर रेलवे स्टेशन का नया भवन बन चुका है और प्लेटफार्म भव्य रूप ले चुका है. सैकड़ों साल पुराना रेलवे स्टेशन आज ट्रेनों के ठहराव के लिए तरस रहा है.

जिले का सबसे पुराना है स्टेशन
सीकर में ट्रेन को चालू हुए 12 जुलाई को 100 साल पूरे हो गए हैं. जब पहली ट्रेन चली सीकर में राव राजा कल्याण सिंह थे. उन्होंने 12 जुलाई 1922 काे इसका स्वागत किया था. जबकि श्रीमाधोपुर रेलवे स्टेशन की 13 जूलाई 1907 को स्थापना हुई और उसने 115 साल सम्पूर्ण किए.

श्रीमाधोपुर रेलवे स्टेशन ने इन बड़ी उपलब्धियों को किया हासिल
एशिया का पहला रेलवे कॉरिडोर दिल्ली-मुंबई फ्रंट कॉरिडोर श्रीमाधोपुर से होकर गुजर है. जिसका काम तेजी से चल रहा है. इस लाइन पर न्यू श्रीमाधोपुर रेलवे स्टेशन भी बनाया गया है. 15 अगस्त 2018 को पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर न्यू श्रीमाधोपुर स्टेशन का उद्घाटन हुआ. 2020 में इलेक्ट्रिक ट्रेन का सफर शुरू हुआ.
 
इतिहास के झरोखे से श्रीमाधोपुर रेलवे स्टेशन का 115 साल का सफर
13 जुलाई 1907 को भाप की पहली रेल श्रीमाधोपुर रेलवे स्टेशन पहुंची। 2009 में श्रीमाधोपुर रेलवे स्टेशन ब्रॉडगेज से बड़े शहरों से जुड़ा. 15 अगस्त 2018 को पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर न्यू श्रीमाधोपुर स्टेशन का और शुभारंभ हुआ. 27 जुलाई 2020 से इलेक्ट्रिक इंजन ट्रेन शुरू हुई.
 
श्रीमाधोपुर रेलवे स्टेशन-नई रेल संचालन व स्टेशन पर ट्रेनों के ठहराव की मांग
श्रीमाधोपुर रेलवे स्टेशन से देश के हर कोने के लिए रेल संचालन की संभावना है. इसकी वजह रेवाड़ी फुलेरा ब्रॉडगेज लाइन पर स्थित श्रीमाधोपुर स्टेशन का राजधानी दिल्ली और जयपुर से नजदीक होना है. दोनों ही जगह लंबी दूरियों की रेलों का आवागमन है. कस्बे के सामाजिक संगठनो,व्यापारियों व सैनिकों की मांग को देखते हुए नई रेल संचालन व स्टेशन पर ट्रेनों के ठहराव जल्द होने की संभावना है. 

मीटर गेज के समय की संचालित गाड़ियों को पुनः संचालित करने की मांग
स्थानीय व्यापारियों तथा सामाजिक संगठनों ने जी मीडिया के माध्यम से केंद्र सरकार से यह मांग की कि श्रीमाधोपुर शहर में रेवाड़ी से फुलेरा, रेवाड़ी से जयपुर नीमकाथाना वाया श्रीमाधोपुर रींगस होकर संचालित होने वाली मीटर गेज के समय की सभी गाड़ियों को फिर से संचालित करवाने की मांग की.
 
बड़ी गाडियों के ठहराव व जयपुर के लिए गाड़ी की मांग
व्यापारियों तथा आमजन का कहना है कि श्रीमाधोपुर रेलवे स्टेशन पर सामान्य टिकट और आरक्षण की एक ही विंडो होने से रेलों के समय आरक्षण में दिक्कत आती है. जबकि श्रीमाधोपुर रेलवे स्टेशन पर औसतन 100 से अधिक आरक्षण की टिकिटे प्रतिदिन बनती है. नगर के व्यापारी व सैनिकों ने श्रीमाधोपुर रेलवे स्टेशन पर आरक्षण के लिए अलग से खिड़की खुलवाने की मांग रखी. वहीं बड़े शहरों के लिए जाने के लिए बड़ी गाड़ियां तथा वर्तमान में संचालित सभी बड़ी गाड़ियों का श्रीमाधोपुर स्टेशन पर ठहराव करने की मांग भी की है.

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सामाजिक कार्यकर्ता तथा व्यापारी छाजूराम खेड़ीवाल का कहना है कि श्रीमाधोपुर को लंबी दूरी की गाड़ियां मिले और जो गाड़ियां चल रही है उनका ठहराव सुनिश्चित किया जाए और जयपुर के लिए सीधी गाड़ियां चलाई जाए जिससे श्रीमाधोपुर का भी विकास होगा और यात्रियों को भी सुविधा मिलेगी साथ ही साधारण बुकिंग में आरक्षण के लिए एक ही विंडो है. यह अलग अलग हो तो यात्रियों को भी सुविधा मिलेगी वह इंतजार नहीं करना पड़ेगा.

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