पिछले 25 दिनों से एसडीएम कोर्ट पर ताला लटका, आत्मदाह मामले में बंद किया गया था कोर्ट
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पिछले 25 दिनों से एसडीएम कोर्ट पर ताला लटका, आत्मदाह मामले में बंद किया गया था कोर्ट

पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह करने वाले वकील के मामले में आज 25 दिन बीत जाने के बाद भी एसडीएम कोर्ट पर ताला लटका हुआ है. ऐसे में आमजन को अपने प्रशासनिक कार्य करवाने के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वकीलों और परिजनों के साथ उच्च अधिकारियों के साथ समझौता होने के बाद भी कोर्ट नहीं खुला है.

पिछले 25 दिनों से एसडीएम कोर्ट पड़ा बंद.

Khandela: एसडीएम कोर्ट में 9 जून को स्वयं पर पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह करने वाले वकील के मामले में आज 25 दिन बीत जाने के बाद भी एसडीएम कोर्ट पर ताला लटका हुआ है. ऐसे में आमजन को अपने प्रशासनिक कार्य करवाने के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मामले के बाद कोर्ट को खोला जरूर गया था, किंतु बाद में वकीलों द्वारा अंदर की फाइलों से छेड़छाड़ करने की शिकायत पर उसे वापस बंद कर दिया गया था, जो कि आज तक बंद है.

 ऐसे में स्थानीय लोग अपने प्रशासनिक कार्य करवाने के लिए रोज आते तो हैं किंतु ताला लटका होने के कारण निराश होकर वापस लौट जाते हैं. साथ ही एसडीएम कोर्ट नहीं खुलने के कारण न्यायिक कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं. हालांकि मामले को लेकर ने वकीलों ने आत्मदाह करने वाले वकील हंसराज मावलिया के परिजनों के साथ आला अधिकारियों की समझाइश के बाद राजीनामा भी करवा दिया गया था. किंतु एसडीएम कोर्ट की सुध लेने वाला अभी तक कोई नहीं है. इधर परेशान लोगों का कहना है कि जब मामला सुलझा दिया गया है तो एसडीएम कोर्ट को भी खोला जाना चाहिए जिससे कि आमजन को परेशानी ना हो और प्रशासनिक कार्य समय पर पूरे हो.

यह था मामला
आपको बता दें कि 9 जून को एसडीएम कोर्ट खंडेला में ही वकालत कर रहे एक वकील हंसराज मावलिया ने तत्कालीन एसडीएम राकेश कुमार और थाना अधिकारी घासीराम मीणा को अपनी मौत का जिम्मेदार बताते हुए स्वयं पर पेट्रोल छिड़क लिया था. जिसे तुरंत प्राथमिक उपचार के बाद जयपुर रेफर कर दिया गया था. वहां पर उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी. परिजनों और वकीलों द्वारा वकील के परिजनों को आर्थिक सहायता और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की आदि मांगों सहित को लेकर धरना प्रदर्शन भी किया गया था.

जिसके बाद जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी व पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप की समझाइश कर परिवार के एक सदस्य को नौकरी और 40 लाख रुपए आर्थिक सहायता और घायल हुए वकील को 5 लाख की आर्थिक सहायता देने के लेकर मामला शांत करवा दिया गया था.

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अस्थाई तौर पर तहसील में काम कर रहे एसडीएम कार्यालय के कर्मचारी
एसडीम कार्यालय के ताला लटके होने के कारण उन में काम करने वाले कर्मचारी फिलहाल अस्थाई तौर पर तहसील कार्यालय में काम कर रहे हैं और एसडीम का चार्ज दातारामगढ़ एसडीएम राजेश मीणा को दे रखा है. जब एसडीएम कोर्ट नहीं खोलने की बात को लेकर दाता रामगढ़ एसडीएम राजेश मीणा से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि न्यायिक जांच संबंधी मामला प्रक्रियाधीन होने के कारण घटनास्थल को खोला जाना संभव नहीं है. इस संबंध में पुलिस विभाग से पत्र भी प्राप्त हुआ था. जिसमें जांच का हवाला देकर स्थिति को ध्यान में रखते हुए तहसील कार्यालय में ही उपखंड कार्यालय के कार्मिक अस्थाई तौर पर कार्य कर रहे हैं.

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