नीमकाथाना के राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल से बड़ी लापरवाही सामने आई है. जहां पहली कक्षा की छात्रा को कमरे में बंद कर टीचर चले गए. कई घंटों बाद ताला तोड़कर बच्ची को बाहर निकाला जा सका.
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Neem ka Thana: सीकर जिले के नीमकाथाना इलाके पाटन थाना अंतर्गत बालेश्वर में राजकीय उच्च माध्यमिक के स्टाफ की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां पहली क्लास की छात्रा को क्लास रूम में बंद कर चले गए. छात्रा घर नहीं पहुंची तो परिजनों ने आसपास तलाश किया. लेकिन छात्रा का कोई पता नहीं चला. बाद में परिजनों ने स्कूल में जाकर देखा तो छात्रा कमरे में बंद थी. जिसकी सूचना स्कूल स्टाफ ओर ताला तोड़कर बच्ची को बाहर निकाला.
मामले के अनुसार बालेश्वर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मे 17 अगस्त को पहली कक्षा की एक छात्रा को विद्यालय के कमरे में बंद कर चले गए. बच्ची घर नहीं पहुंची तो परिजनों ने इधर-उधर गांव में ढूंढना शुरू किया. आस-पास के गांव में के बच्चों को पूछा लेकिन किसी ने बच्ची के बारे में नहीं बताया.
जब दो-तीन घंटे ढूंढने के बाद छात्रा का पिता महेश कुमार सैनी छात्रा की गुमशुदगी का मामला दर्ज कराने पाटन थाने जाने की तैयारी कर रहे थे. तब अचानक दिमाग में आई कि विद्यालय परिसर में एक बार देखना चाहिए तब बच्ची के पिता ने विद्यालय के पीछे जाकर सभी कमरों में देखा तो एक कमरे में बहुत बुरी तरह बच्ची रोती हुई मिली.
जिसके बाद पिता ने बच्ची को कहा कि बेटा मैं आ रहा हूं फिर पिता ने गांव वालों के साथ मिलकर विद्यालय के कमरे का ताला तोड़कर करीब 4 घंटे बाद बच्ची को सकुशल बाहर निकाला. बच्ची के पिता रेलवे पुलिस फोर्स में कार्यरत है. वह भी घर पर छुट्टी में आए हुए थे.
बच्ची के पिता महेश कुमार सैनी ने बताया कि मेरी बच्ची मानवी 5 साल की है. यह तो हमारी सूझबूझ से हमारी बच्चे की जान बच गई. नहीं तो अध्यापकों की लापरवाही से हमारी बच्ची की जान भी ले सकती थी. वहीं आज परिजन और ग्रामीण विधायक में पहुंचकर प्रधानाचार्य से बात की. जिस पर प्रधानाचार्य ने भविष्य में दुबारा ऐसी गलती नहीं होने की बात कही.
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