बौंली में दिखी पैंथर की मूवमेंट, 5 मिनट तक बैखौफ होकर करता रहा चहलकदमी
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बौंली में दिखी पैंथर की मूवमेंट, 5 मिनट तक बैखौफ होकर करता रहा चहलकदमी

Panther movement: सवाई माधोपुर में 5 मिनट तर मुख्य सड़क पर पैंथर ने चहलकदमी की. पैंथर को देख गाड़ियों में गुजर रहें लोगों ने इस नजारे को अपने अपने मौबाइल में कैद कर लिया.

बौंली में दिखी पैंथर की मूवमेंट, 5 मिनट तक  बैखौफ होकर करता रहा चहलकदमी

Bamanwas: सवाईमाधोपुर जिले उपखंड क्षेत्र बौंली में पैथर की मूवमेंट फिर से एक बाहर दिखने से ग्रामीणों में डर का माहौल छाया हुआ है.  सवाईमाधोपुर जिले उपखंड क्षेत्र बौंली में पैंथर की मूवमेंट से क्षेत्र में दहशत का महौल बना हुआ है. वन क्षेत्र एवं रिहायशी कॉलोनियों में लगातार पैंथर की मूवमेंट से स्थानीय लोगों घरों में रहने को मजबूर हो गए है. पिछले साल भर में दो पैंथर रेस्क्यू किए जाने के बावजूद इस क्षेत्र में अलग-अलग जगहों पर पेंथर की मूवमेंट फिर से  दिखाई दे रही है.

हाल ही में देर रात बौंली से सटे हुए ग्राम लाखनपुर की घाटी में एक पैंथर  घूमता हुआ  दिखाई दिया. मुख्य सड़क पर लगभग 5 मिनट तक उसने चहलकदमी  की.  हालांकि पैंथर ने किसी पर कोई हमला नहीं किया.चार पहिया वाहन में बैठे हुए राहगीरों ने घटनाक्रम का वीडियो भी बना लिया जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

पैंथर की मूवमेंट को लेकर स्थानीय समाजसेवी सूरजमल वैष्णव ने बताया कि लाखनपुर घाटी में चार-पांच पैंथर रहते हैं जो पानी की चाह में रिहायशी इलाकों में अक्सर आ जाते हैं. क्योंकि लाखनपुर घाटी , बौंली और लाखनपुर में बने हुए खेल आदि वाटर स्पोट पर पैंथर की आवाजाही  रहती है. 

गौरतलब  है कि वन क्षेत्र में पानी की समुचित व्यवस्था ना होने से जंगली जानवर रिहायशी कॉलोनी में आते हैं. दुपहिया वाहन चालकों को रात  में वाहन चलाने में भय का सामना करना पड़ता है.कई दफा वाहन चालकों के सामने पैंथर आ जाने के मामले सामने आ चुके हैं.

बता दें कि वन क्षेत्र में मानवीय दखलंदाजी के चलते जंगल के राजा अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ते हुए दिखाई देते हैं. शहरीकरण होने के बाद वन क्षेत्रों का आकार सिमट जाने से जंगली जानवरों का अस्तित्व भी संकट में है. ऐसे में अब जंगली जानवर रिहायशी कॉलोनियों में अपने लिए भोजन और पानी की तलाश करते  हुए दिखाई पड़ते हैं. 

जानवरों को लेकर लाखनपुर क्षेत्र के ग्रामीणों ने वन क्षेत्र में आवश्यक स्थानों पर वाटर स्पोट बनाने की मांग की है ताकि जंगली जानवर अपनी प्यास बुझा सके और उन्हें रिहायशी इलाकों में ना आना पड़े. 

पूर्व में मित्रपुरा,रवासा,गंगवाड़ा सहित कई गांव में पैंथर के जरिए मवेशियों के शिकार के दर्जन भर मामले सामने आ चुके हैं. ऐसे में वन विभाग के अधिकारियों ने भी पशुओं को सुरक्षित बांधने व वन क्षेत्र से पर्याप्त दूरी बनाए रखने की अपील की है.
Reporter: Arvind Singh

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