Pratapgarh News: डायनामाइट से मछली पकड़ना युवक को पड़ा महंगा, एक युवक की मौत से मचा हड़कंप
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Pratapgarh News: डायनामाइट से मछली पकड़ना युवक को पड़ा महंगा, एक युवक की मौत से मचा हड़कंप

पीपलखूंट क्षेत्र में शुक्रवार शाम को एक दर्दनाक घटना घटी, जब माही नदी में अवैध रूप से मछली पकड़ने के दौरान डायनामाइट का विस्फोट होने से एक युवक की जान चली गई.

Pratapgarh News: डायनामाइट से मछली पकड़ना युवक को पड़ा महंगा, एक युवक की मौत से मचा हड़कंप
Pratapgarh News: पीपलखूंट क्षेत्र में शुक्रवार शाम को एक दर्दनाक घटना घटी, जब माही नदी में अवैध रूप से मछली पकड़ने के दौरान डायनामाइट का विस्फोट होने से एक युवक की जान चली गई. यह घटना बोरी पी क्षेत्र की है, जहां स्थानीय युवक पंचूराम निनामा (35) मछली पकड़ने के लिए नदी में डायनामाइट का इस्तेमाल कर रहा था. विस्फोट के कारण युवक की शरीर के कई हिस्से उड़ गए, और उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, पंचूराम सुबह में मछली पकड़ने के लिए माही नदी की ओर गया था. 
 
जब वह शाम तक घर वापस नहीं लौटा, तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की. कुछ समय बाद, युवक की लाश नदी में तैरती हुई पाई गई. शव की पहचान पंचूराम निनामा के रूप में की गई. पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया कि युवक ने डायनामाइट की बत्ती जलाते समय विस्फोट हो गया, जिससे उसकी मौत हो गई. युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए सीएचसी पीपलखूंट भेजा गया, और शव को बाद में परिजनों के हवाले किया जा रहा हे .
 
यह घटना पीपलखूंट क्षेत्र में अवैध मछली पकड़ने के खतरनाक तरीकों को उजागर करती है. यहां के माही नदी, धरियावद और प्रतापगढ़ के जाखम नदी क्षेत्र में रोज़ाना डायनामाइट और सोडियम मेटल का इस्तेमाल कर मछलियों को मारा जाता है. इन खतरनाक तरीकों से न केवल मछलियों की हत्या होती है, बल्कि नदियों के जलजीवों और सूक्ष्मजीवों की भी जान को खतरा पैदा हो जाता है, जिससे नदियों की पारिस्थितिकी का संतुलन बिगड़ता है. स्थानीय प्रशासन और वन विभाग को इस तरह की अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने की जरूरत है. 
 
अवैध मछली पकड़ने की यह प्रवृत्ति न केवल मानव जीवन के लिए खतरनाक है, बल्कि नदियों और उनके पारिस्थितिकी तंत्र को भी नुकसान पहुँचा रही है. इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन को मिलकर काम करना चाहिए और नदियों के संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए. अवैध मछली पकड़ने के इन खतरनाक तरीकों का न केवल स्थानीय पर्यावरण पर प्रतिकूल असर पड़ता है, बल्कि इससे पूरे जल पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलन भी बिगड़ता है. पीपलखूंट क्षेत्र और आसपास के नदियों में जैविक विविधता की रक्षा के लिए प्रशासन को कड़े कानून लागू करने चाहिए.

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