Pratapgarh: ICICI बैंक में हुए स्कैम पर SP का बड़ा खुलासा,आरोपियों ने किया 1 करोड़ 45 लाख का खेल
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Pratapgarh: ICICI बैंक में हुए स्कैम पर SP का बड़ा खुलासा,आरोपियों ने किया 1 करोड़ 45 लाख का खेल

Pratapgarh News: प्रतापगढ़ जिले के  धरियावद के आईसीआसीआई बैंक में हुए स्कैम का आज एसपी अमित कुमार ने खुलासा किया.मामले में मनोज बेहरानी रीजनल हैड आईसीआईसीआई बैंक ने धरियावद थाने में मामला दर्ज करवाया था. 

SP का बड़ा खुलासा

Pratapgarh News: प्रतापगढ़ जिले के  धरियावद के आईसीआसीआई बैंक में हुए स्कैम का आज एसपी अमित कुमार ने खुलासा किया. गबन करने वाले बैंक मैनेजर प्रशांत काबरा और मैनेजर को ब्लेकमेल करने वाले उदयपुर के व्यापारी जालमचंद जैन से पूछताछ के बाद मामले में रविवार को एसपी अमित कुमार ने बैंक में निवेशकों के खातों से बिना उनकी जानकारी के निकाले गए. एक करोड़ 45 लाख रुपए की वसूली भी आरोपी जालमचंद जैन से की है. 

पुलिस ने मामले में आरोपी जालमचंद जैन ने धरियावद आईसीआईसीआई बैंक के मैनेजर प्रशांत काबरा द्वारा उसके खाते से की गई रिवर्स इंट्री का व्यापारी जालमचंद को पता चल गया था. इसी का फायदा उठा कर व्यापारी जालमचंद ने मैनेजर प्रशांत काबरा को डरा धमका कर अपने और अपने फर्म के खातों में एक करोड़ 45 लाख रुपए डलवा लिए थे. मैनेजर द्वारा किए गए इस स्कैम का खुलासा तब हुआ, जब बैंक में लगातार रिवर्स इंट्री होना बंद होने से हुआ. मामले में मनोज बेहरानी रीजनल हैड आईसीआईसीआई बैंक ने धरियावद थाने में मामला दर्ज करवाया था. 

 एक करोड़ 45 लाख रुपए की वसूली
जिस पर एसपी ने एसआईटी टीम का गठन कर के मामले का खुलासा करते हुए. आरोपी जालमचंद जैन के 62 बैंक खातों में 62 लाख 71 हजर 490 रुपए होल्ड करवाए है. इसके साथ ही आरोपी की निशानदेही पर 46 लाख रुपए और गबन की 50 लाख रुपए की राशि लगाकर ख़रीदे दो करोड़ रुपए के फार्म हॉउस पर भी पुलसि ने कुर्क की कार्रवाई को शुरू कर दिया है. पुलिस ने आरोपी के पास से गबन के पैसों की 100 प्रतिशत रिकवरी कर ली है.  

पुलिस की जांच में सामने आया की बैंक मैनेजर ने बैंक के टारगेट को पूरा करने के लिए जालमचंद के खाते से रिवर्स एंट्री की थी. जालमचंद के खाते से साढ़े तीन लाख रुपए निकाल कर मैनेजर प्रशांत ने अपनी पत्नी के नाम एफडी बनवाई थी और यह राशि वापस जालमचंद के खाते में रिवर्ट कर दी थी. लेकिन जालमचंद को जब इस रिवर्स इंट्री के बारे में बता चला तो उसने मैनेजर को उसकी शिकायत और पुलिस का डर बताकर धमकाना शुरू कर दिया.

 जिस पर आरोपी बैंक मैनेजर ने ओवर ड्राफ्ट (ओडी) लिमिट बनाकर ओडी राशि को स्वंय की पत्नी दीपिका काबरा और जालमचंद जैन और उसकी पत्नी मन्जुला जैन, पुत्र राकेश जैन और उसकी फर्म पूजा कन्सट्रशन के खातो मे जमा कर इस गबन को किया. मैनेजर ने बताया की आरोपी जालमचंद ने उसे डरा धमका कर कुल 46 लाख 400 रुपए नकद और लगभग 2 करोड़ रुपए उसके बताए हुए खातों में ट्रांसफर करवा लिए.

62 बैंक खातो को फ्रीज
बैंक मैनेजर प्रशांत काबरा द्वारा गबन की राशि को जिन खातो में जमा करवाई गई थी. उनमें से कुल 62 बैंक खातो को फ्रीज करवाते हुए 62 लाख 71 हजार 490 राशि को पुलिस ने होल्ड करवाया है. जालमचंद जैन को गिरफ्तार कर जालमचंद जैन की निशादेही से कुल 46 लाख 400 रुपए नकद बरामद कर जब्त  किए है. पुलिस ने मामले में अबतक 1 करोड़ 8 लाख 71 हजार 490 रूपये की राशि को जब्त और फ्रीज किया है. 

प्रकरण में गिरफ्तार आरोपी द्वारा इसी ब्रांच से लिए गए  70 लाख के खातों को भी न्यायालय के अग्रिम आदेश तक फ्रीज करवाने की कारर्वाई की है. पुलिस ने आरोपी की तीन करोड़ के फार्म हाउस को भी कुर्क करने के लिए कार्रवाई शुरू की है. आरोपी ने बैंक के गबन के पैसे से भी 50 लाख रुपए फार्म हॉउस खरीदने में इस्तेमाल किए है.

 50 लाख रुपए फार्म हॉउस
पुलिस की एसआईटी और साइबर टीम ने मामले में बैंक खाता धारकों के खातों से गबन हुई राशि की जांच करते हुए संदिग्ध लेनदेन वाले बैंक खातों की तो यह तथ्य सामने आए कि शाखा मैनेजर प्रशांत काबरा ने बैंक खाता धारकों के अलावा भी कुछ अन्य एफडी खातों पर भी ओवर ड्राफ्ट (ओडी) एकाउंट बनाए गए और बैंक मैनेजर द्वारा कई खातों में गलत मोबाईल नंबर अपडेट किए गए. जिसके कारण जब ओवर ड्राफ्ट (ओडी) एकाउंट खुलने और उस खाते से किए जा रहे ट्रांजेक्शन की जानकारी खाता धारक को नहीं मिल पाती थी. बैंक मैनेजर प्रशांत काबरा और अन्य कर्मचारियों से पुलिस ने पूछताछ की तो उन्होने बताया कि इस मुख्य कारण बैंक द्वारा उनको प्रतिदिन दिए जाने वाले नए टारगेट थे. 

जैसे नए बचत खाते और करंट अकाउण्ट, गोल्ड लोन, एफडी अकाउण्ट खोलने के टारगेट मिलते थे इन टारगेट्स को पूरा करते हुए अपनी परफोरमेंस बढोतरी करने के लिए बैंक मैनेजर और अन्य कर्मचारियों द्वारा उनके द्वारा ग्राहकों के खोले गए एफडी अकाउण्ट, सेविंग अकाउण्ट, गोल्ड लोन अकाउण्ट आदि पर ओवर ड्राफ्ट (ओडी) लिमिट बनाकर ऐसे (ओडी) खातों से राशि उठाकर पुनः उसकी (एफडी) या नए एकाउंट खोल दिए जाते है या नकद और चैक से राशि निकाल ली जाती. 

बैंक द्वारा दिए जाने वाले टारगेट के संख्यात्मक आंकड़ों को पूरा करने के लिए बैंक कर्मियों द्वारा इस प्रकार के क्रोस ट्रांजेक्शन किए जा रहे थे कि उसकी जानकारी खाता धारक और मुख्य बैंक को भी नहीं हो पाती है. इसका फायदा उठाते हुए ब्रांच मैनेजर प्रशांत काबरा द्वारा एफडी खातों पर ओवर ड्राफ्ट (ओडी) लिमिट बनाकर उन खातों से राशि को एक खाते से दुसरे खातें मे क्रोस ट्रांसफर कर घुमाते हुए बैंक की और से दिए गए टारगेट की पूर्ति की और बैंक की तकनीकी कमी का फायदा उठाकर करीब 2 करोड़ 50 लाख रूपये की राशि का गबन किया था.

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