Pratapgarh: फाइनेंस कंपनी के मैनेजर के साथ लूट की वारदात को अंजाम दिया गया. अपराधी ने दोस्त के साथ मिलकर प्लान बनाया. मामले की जांच की जा रही है.
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Pratapgarh: प्रतापगढ़ शहर के नई आबादी में संचालित भारत फाइनेंस के कर्मचारी रिकवरी मैनेजर के साथ मंगलवार शाम को दो बदमशों ने बाइक से पीछा कर शहर के बांसवाड़ा रोड पर लूट की वारदात को अंजाम दिया. फाइनेंस कर्मचारी संजय यादव पुत्र लालुराम यादव निवासी बूंदी जो मंगलवार शाम को 5 बजे के करीब जिले के सुहागपुरा से रिकवरी की हुई एक लाख 50 हजार रुपए की राशि लेकर प्रतापगढ़ ऑफिस लौट रहा था.
इसी बीच रास्ते में दो बदमाशों ने उसका पीछा करना शुरू कर दिया. प्रतापगढ़ पहुंचने से पहले दोनों बदमाशों ने लोहे की रॉड दिखा कर संजय यादव को डरा कर उसके पास से पैसों से भरा बेग लूट लिया. जिस पर संजय यादव ने पुलिस को सूचना दी और खुद बाइक से उनका पीछा करता रहा. शहर के धरियावद नाके से प्रतापगढ़ पुलिस ने भी बदमाशों का पीछा शुरू कर दिया लेकिन बदमाश तेज रफ्तार से भागते रहे. पुलिस ने बदमाशों को पकड़ने के लिए धमोतर और रठांजना थाना पुलिस से भी नाकांबदी शुरू करवाई.
करीब तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद रठांजना थाना पुलिस ने दोनों बदमाशों को गिरफ्तार किया. यहां से भी बदमाशों ने पुलिस गिरफ्त से भागने की कोशिश की. जिसमें दोनों बदमाशों के पैरों में चोट लगी है. रठांजना में गिरफ्तार दोनों आरोपियों को प्रतापगढ़ लाया गया. जहां उनके पास से लूट के एक लाख 49 हजार 860 रुपए पुलिस ने बरामद किए है. पुलिस ने लूट के मामले में पुलिस ने आजाद अली पुत्र सुबृति मुसलमान (28) रानीपुरा मोहल्ला, थाना दबलाना जिला बूंदी और सद्दाम पुत्र बाबू खान (27) निवासी रानीपुरा मोहल्ला थाना दबलाना जिला बूंदी को गिरफ्तार किया है.
गिरफ्तार आरोपियों में से सद्दाम खान भारत फाइनेंस की कंपनी में ही पिछले पांच साल से प्रतापगढ़ में काम कर रहा था. लेकिन तीन माह पहले सद्दाम ने फायनेंस कंपनी की नौकरी को छोड़ दिया था. सद्दाम की तीन महीने की तन्खवा भी बाकी थी. सद्दाम पिछले तीन माह से कंपनी के अधिकारीयों से अपनी तन्खवा की मांग कर रहा था. लेकिन तीन माह बितने के बाद भी जब सद्दाम को अपनी तनख्वा नहीं मिली तो उसने अपने दोस्त आजाद अली के साथ मिल कर कंपनी के रिकवरी मैनेजर को लुटने का प्लान बनाया.
जिस व्यक्ति को सद्दाम ने लुटने की प्लानिंग की वह भी बूंदी जिले का ही रहने वाला है और उसे पहले से जानता भी है. पुलिस को गुमराह कर सके इस लिए उसने जानने वाले व्यक्ति और अपने ही जिले के व्यक्ति एक साथ लूट की वारदात को अंजाम दिया लेकिन पुलिस की मदद और रिकवरी मैनेजर की सूझबूझ की वजह से एक बड़ी वारदात करने वाले दोनों आरोपी महज तीन घंटे में ही पुलिस के हथे चढ़ गए.
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