Rajasthan News: बीजेपी नेता के बेटे के क्लिनिक में मासूम की मौत, कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठे परिजन
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Rajasthan News: बीजेपी नेता के बेटे के क्लिनिक में मासूम की मौत, कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठे परिजन

Pratapgarh News: राजस्थान के प्रतापगढ़ शहर के नई आबादी स्थित बीजेपी नेता के बेटे के क्लिनिक में एक मासूम बच्चे की मौत हो गई, जिसके बाद से परिजन धरने पर बैठे हैं और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. 

 

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Rajasthan News: प्रतापगढ़ शहर के नई आबादी स्थित भाजपा नेता के बेटे और जिला अस्पताल में यूटीबी डॉक्टर के रूप में कार्यरत डॉ अंशुल जैन के निजी क्लिनिक में एक मासूम की मौत हो गई. परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है और अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया है. मासूम के परिजनों ने बताया कि डॉ अंशुल जैन ने 11 अक्टूबर को जिला अस्पताल में अपनी दो साल की मासूम को लेकर पहुंचे थे, जहां उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद घर पर इलाज के लिए बुलाया गया था. इसके बाद परिजन मंगलवार शाम को मासूम को लेकर डॉ. अंशुल जैन के घर पर पहुंचे, जहां डॉक्टर ने मासूम के पेट में हो रही गिठान का ऑपरेशन शुरू किया, लेकिन ऑपरेशन के दौरान मासूम की तबीयत बिगड़ गई. डॉक्टर अपने निजी वाहन में मासूम और उसके परिजनों को लेकर जिला अस्पताल पहुंच गए, जहां मासूम ने दम तोड़ दिया. 

मंगलवार शाम को करीब छह बजे मासूम की मौत के बाद आज मृतका के परिजन और सामाजिक संगठन के लोग अस्पताल के बाहर डॉक्टर को अस्पताल से हटाने, उसके लाइसेंस को रद्द करने और कानूनी कार्रवाई की मांग को लेकर अड़े हुए हैं. अस्पताल प्रभारी डॉ ओपी दायमा ने बताया कि लोगों की शिकायत और ज्ञापन के बाद में यूटीबी पर लगे डॉक्टर अंशुल जैन को हटा दिया गया है. राज्य सरकार को भी इस संबंध में पत्र लिखा गया है. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है. 

इस मामले में भाजपा नेता के परिवार के सदस्यों ने भी मामले को शांत करने के लिए प्रयास किया, लेकिन परिजनों ने किसी भी समझौते से इनकार कर दिया. मृतका के परिजनों ने डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. मामले की जांच के लिए पुलिस ने एक टीम गठित की है और अस्पताल के रिकॉर्ड को खंगाला जा रहा है. इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी. इस घटना ने शहर में आक्रोश पैदा कर दिया है और लोगों ने डॉक्टर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है. मामले की जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी. अस्पताल में मासूम के परिजनों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है.

परिजनों ने डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की है और अस्पताल की मोर्चरी में शव को रखकर धरना दे रहे हैं. परिजनों का कहना है कि जब तक डॉक्टर पर कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी, तब तक वे अस्पताल से नहीं हटेंगे. उन्होंने शव लेने से भी इनकार कर दिया है. परिजनों और समाज के लोगों का कहना है कि वे रात भर अस्पताल में ही धरना देंगे और कल सुबह तक यदि डॉक्टर पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो वे कलेक्टरी का घेराव कर डॉक्टर के घर के बाहर प्रदर्शन करेंगे. इस मामले में प्रशासन और पुलिस के ढीले रवैए के चलते 24 घंटे से भी अधिक समय बीतने के बाद भी मामले का हल नहीं निकल पाया है. परिजनों ने कलेक्टर को कार्रवाई को लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा है.

निजी क्लिनिक पर ऑपरेशन के दौरान हुई मासूम की मौत के मामले में मासूम के पिता ने डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि डॉक्टर ने बिना सुन किए ही मासूम का ऑपरेशन कर दिया, जिससे मासूम की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने ऑपरेशन करने के लिए 15 हजार रुपए की मांग की थी. परिजन ब्याज पर पैसे लेकर मासूम का ऑपरेशन करनवाने के लिए पहुंचे थे, लेकिन डॉक्टर ने सही उपचार नहीं किया और लापरवाही से ऑपरेशन किया, जिससे मासूम की मौत हो गई. जिला अस्पताल में यूटीबी डॉक्टर अंशुल जैन पर लापरवाही का आरोप लगाया गया है, जिसके बाद मासूम की मौत हो गई. मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर अंजलि राजोरिया ने डॉक्टर को अस्पताल से हटा दिया है और मामले की जांच के लिए टीम गठित की है. 

कलेक्टर अंजलि राजोरिया ने बताया कि घर पर अपने निजी क्लीनिक पर डॉक्टर अंशुल जैन द्वारा मासूम के ऑपरेशन के दौरान मौत के मामले में टीम गठित कर जांच के निर्देश दिए गए हैं. परिजनों की रिपोर्ट पर मामला दर्ज करने के निर्देश देकर कार्रवाई जारी है. कलेक्टर के इस फैसले से परिजनों और समाज के लोगों में आक्रोश कम हुआ है, लेकिन उन्होंने मांग की है कि डॉक्टर पर कड़ी कार्रवाई की जाए.

रिपोर्टर- हितेष उपाध्याय

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