लाल डायरी से क्यों घबरा रही कांग्रेस सरकार! पूनियां बोले-जनता चाहती है डायरी का राज जानना
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लाल डायरी से क्यों घबरा रही कांग्रेस सरकार! पूनियां बोले-जनता चाहती है डायरी का राज जानना

Satish Poonia : उपनेता प्रतिपक्ष डॉ सतीश पूनियां ने कहा कि कांग्रेस सरकार दोषी है, किसान कर्ज माफी की वादा खिलाफी की, भ्रष्टाचार की, बेरोजगारी की, बदहाल कानून व्यवस्था की और इसलिए जब गाहे बगाहे अवसर आता है तो सियासी चालें चलती है. 

लाल डायरी से क्यों घबरा रही कांग्रेस सरकार! पूनियां बोले-जनता चाहती है डायरी का राज जानना

Satish Poonia : लाल डायरी को लेकर राजस्थान की सियासत में उबाल आया हुआ है. हर कोई लाल डायरी का सच जानने के लिए उत्सुक है. उपनेता प्रतिपक्ष डॉ सतीश पूनियां ने सवाल उठाए कि लाल डायरी से कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री आखिर क्यों घबरा रहे हैं. राजस्थान की जनता भी डायरी का राज जानना चाहती है. एक कहावत है चोर चोरी से जाए लेकिन सीनाजोरी से नहीं जाए, राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पिछले 5 वर्षों से ऐसा कर रही है.

विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष डॉ सतीश पूनियां ने बीजेपी विधायक दल कक्ष में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कांग्रेस सरकार दोषी है, किसान कर्ज माफी की वादा खिलाफी की, भ्रष्टाचार की, बेरोजगारी की, बदहाल कानून व्यवस्था की और इसलिए जब गाहे बगाहे अवसर आता है तो सियासी चालें चलती है. सवाल यही है कि उन्हीं की सरकार के, उन्हीं के मंत्रिमंडल के सदस्य जब सरकार पर सवाल खड़े करते हैं तो सरकार अपना जनमत खो चुकी होती है, क्योंकि यह उधार का और जुगाड़ का जनमत था, जो बीएसपी के लोगों के मर्जर से हुआ और 13 निर्दलीयों के समर्थन से हुआ. इसलिए इस्तीफों से लेकर बाडाबंदी का जो दौर था राजस्थान की जनता ने देखा है, 5 साल प्रदेश की जनता ने कांग्रेस सरकार का कुशासन भुगता है.

लाल डायरी में जेजे सिंडिकेट के सदस्यों के नाम ‌?

सतीश पूनियां ने कहा कि भूख से बिलखती अबला जब एंबुलेंस के चालक से रोटी मांगती है तो उसकी अस्मत लूट ली जाती है, थानागाजी से लेकर ओसियां तक दुष्कर्म की घटनाएं . इस बात से स्पष्ट हुआ कि राजस्थान की कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है. उस पर कोढ़ में खाज का काम हुआ कि लाल डायरी बीच में आ गई. बॉलीवुड की डॉन फिल्म की याद आ जाती है कि जिसमें लाल डायरी में बड़े राज छुपे होते हैं और खलनायक कहता है कि डायरी में क्या है, वह कहता है कि जेजे और उसके सिंडिकेट के सदस्यों के नाम हैं. इसलिए हम उस लाल डायरी के बारे में यह जानना चाह रहे थे कि राजेंद्र गुढा को सदन में बोलने दिया जाता, जो उनका अपना अधिकार है. सदन में जो मंत्री बर्खास्त होता है, जो व्यक्ति स्वयं इस्तीफा देता है, उसको अपना स्पष्टीकरण स्पीकर को देने की मर्यादा होती है, उनको अवसर देना चाहिए था.

लाल डायरी में छिपे राज का खुलासा होना चाहिए

पूनियां ने कहा कि पूरे राजस्थान में ही नहीं पूरे हिंदुस्तान में यह उत्सुकता है कि आखिर उस लाल डायरी में क्या है, मुझे लगता है कि सिंडिकेट के सदस्यों के नाम उजागर होने चाहिए, उस डायरी में जो राज छुपे हैं उनका खुलासा हो जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए. हमारी तरफ से सदन में पहले भी और अभी भी आक्रामक रूप से सरकार की इस बदनीयती का मुकाबला करेंगे, सदन में भी करेंगे और सदन के बाहर भी करेंगे. हमारे पार्टी के वरिष्ठ विधायक मदन दिलावर के साथ सदन में जो अलोकतांत्रिक व्यवहार किया गया है, वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है, इस बात को हम पूरी मजबूती से उठाएंगे.

कांग्रेस के भीतर दबाई जाती है आवाज

जिस समय कांग्रेस सरकार पर संकट था, कांग्रेस में अंतरकलह था, पार्टी में विग्रह था, एकदम से ऐसा क्या हुआ कि जो लाल डायरी का रक्षक था, आज उसी को बर्खास्त होना पड़ा, निलंबित होना पड़ा. कांग्रेस के भीतर आवाज दबाई जाती है और सदन के भीतर भी, मुख्यमंत्री को दुनिया की पंचायती करने के बजाय अपने गिरेबान में झांकना चाहिए, मुख्यमंत्री फेस सेविंग के लिए सदन से भागते हैं और सड़क से भी भागते हैं. कांग्रेस सरकार के 5 साल राजस्थान के राजनीतिक अध्याय में काले अक्षरों में लिखे जाएंगे.

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