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Rajasthan BJP: भाजपा में पहली सूची में घोषित उम्मीदवारों का विरोध का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. आक्रोश प्रदर्शन के दौरान ही यह सिलिसिला अब टिकट बेचने के आरोप तक जा पहुंचा है. कोटपूतली से शनिवार को पार्टी कार्यालय पर आक्रोश जताने पहुंचे साढे़ चार सौ कार्यकर्ताओं व जनप्रतिनिधियों ने अपने इस्तीफे लिखकर सौंपे. दूसरी ओर मूसदा से भी कार्यकर्ता टिकट पर असंतोष जताने पहुंचे. वहीं दूसरी ओर झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में आसु सिंह सुरपुरा ने शक्ति प्रदर्शन कर निर्दलीय चुनाव लड़ने की चेतावनी दी है.
बीजेपी में पहली सूची घोषित होने के बाद से ही प्रत्याशियों के नामों को लेकर असंतोष शुरू हुआ जो लगातार जारी है. हर रोज बीजेपी कार्यालय पर किसी न किसी प्रत्याशी का विरोध करने कार्यकर्ता जयपुर पहुंच रहे हैं. खास बात यह है कि बीजेपी नेताओं के तमाम दावों के बावजूद आक्रोश का उफान पर है. बीजेपी के घोषित प्रत्याशियों के खिलाफ कार्यकर्ताओं में आक्रोश को शांत करने में फिलहाल नेता खुद को असहाय मसूस कर रहे हैं. शुक्रवार रात बीजेपी कार्यालय में कोर कमेटी की बैठक चल रही थी, वहीं बानसूर, बामनवास, विद्याधर नगर से आए कार्यकर्ता कार्यालय के बाहर विरोध कर रहे थे. बीजेपी कोर कमेटी में भी कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन को शांत करने पर मंथन हुआ, लेकिन कोई रणनीति कारगर होती, उससे पहले ही शनिवार को बड़ी संख्या में कोटपूतली और मसूदा से घोषित प्रत्याशियों का विरोध जताने कार्यकर्ता बीजेपी प्रदेश मुख्यालय के बाहर पहुंचे.
कोटपूतली से बीजेपी प्रदेश मुख्यालय पहुंचे कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी कार आक्रोश जताया तथा टिकट पर पुनर्विचार करने की मांग की. कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि पार्टी की ओर से घोषित प्रत्याशी हंसराज गुर्जर पार्टी के खिलाफ बागी होकर चुनाव लड़ चुके हैं. इतना ही नहीं गुर्जर ने पार्टी का झंडा जलाया और पार्टी नेताओं को गालियां दी. दो बार जमानत जब्त करवा चुके, इसके बाद भी टिकट दे दिया गया. कार्यकर्ताओं आरोप लगाया कि हंसराज गुर्जर ने पार्टी के किसी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया, वहीं कार्यकर्ताओं के सुखदुख में शामिल नहीं हुए, वहीं अब प्रत्याशी बना दिया गया, हंसराज पटेल को करोड़ों में पार्टी नेताओं ने टिकट बेचा है. इधर करीब साढ़े चार सौ के लगभग कार्यकर्ता, पदाधिकारी, जनप्रतिनिधियों ने इस्तीफे लिखकर पार्टी मुख्यालय में सौंप दिए.
इस्तीफ़ा देने वाले पदाधिकारियों की लिस्ट के साथ कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन. कार्यकर्ता “शीर्ष नेतृत्व को गाली देने वालों को नहीं सहेंगे, बीजेपी का झंडा जलाने वाले को नहीं सहेंगे” स्लोगन लिखे बैनर हाथ लेकर नारेबाज़ी कर रहे कार्यकर्ता. विरोध को देखते हुए बीजेपी कार्यालय के बाहर बेरिकडिंग और भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया. इधर पार्टी की ओर से चुनाव प्रबंधन समिति के सहसंयोजक राजेंद्र सिंह शेखावत ने कार्यालय के बाहर आकर नाराज कार्यकर्ताओं को समझाने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं का आक्रोश है समाप्त हो जाएगा. इनकी भावना को केंद्रीय नेतृत्व को पहुंचा दी जाएगी. कार्यकर्ताओं भावावेश में आकर इस्तीफे दिए हैं. इन्हें समझाया जा रहा है कि पार्टी में सब मिलकर काम करें.
इधर विरोध प्रदर्शन को देखते हुए नहीं लगता कि कार्यकर्ताओं की यह नाराजगी आसानी से खत्म होने वाली है. बीजेपी की ओर से नेताओं को समझाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन कार्यकर्ता खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है. समझाइश करने वाले नेता कह रहे हैं कि सक्षम स्तर पर उनकी शिकायत पहुंचा दी जाएगी, लेकिन अब कार्यकर्ताओं को यह कौन समझाए कि सक्षम स्तर से ही टिकट घोषित किए गए हैं.
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