राजस्थान की राजनीति में राम और रावण की एंट्री, जानें गहलोत-शेखावत ने एक दूसरे को क्या बोला
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राजस्थान की राजनीति में राम और रावण की एंट्री, जानें गहलोत-शेखावत ने एक दूसरे को क्या बोला

यूं तो राजनीतिक में होने वाली खींचतान और बयानों के लिए महाभारत शब्द ज्यादा प्रासंगिक माना जाता है, लेकिन राजस्थान की राजनीति में राम-रावण की कहानी चल रही है. बयानों की इस रामायण में कोई किसी को रावण बता रहा है, तो कोई राम और कोई राम-राज्य की बात कर रहा है.

राजस्थान की राजनीति में राम और रावण की एंट्री, जानें गहलोत-शेखावत ने एक दूसरे को क्या बोला

Rajasthan Politics : यूं तो राजनीतिक में होने वाली खींचतान और बयानों के लिए महाभारत शब्द ज्यादा प्रासंगिक माना जाता है, लेकिन राजस्थान की राजनीति में राम-रावण की कहानी चल रही है. बयानों की इस रामायण में कोई किसी को रावण बता रहा है, तो कोई राम और कोई राम-राज्य की बात कर रहा है. पहले गजेन्द्र सिंह शेखावत ने सीएम गहलोत को राजनीति का रावण बताया तो गहलोत ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर बीजेपी उन पर पत्थर फेंकेगी, तो वे उन पत्थरों से गरीबों के लिए घर, स्कूल और अस्पताल बनाएंगे.

यूं तो राम मर्यादा पुरुषोत्तम माने जाते हैं, लेकिन सवाल यह हैं? कि क्या चुनावी साल में राजस्थान की राजनीति में बयानों की सीमा लांघी जा रही है. सवाल यह कि क्या राजनीति की मर्यादा टूट रही हैं? और सवाल यह कि आखिर किसी को राम और रावण बताया जा रहा हैं? तो क्या लोग भी नेताओं के इन बयानों से इक्तेफ़ाक रखते हैं?

चुनावी साल में राजस्थान में भी राम-रावण की एंट्री हो चुकी है. राजनीतिक बयानों में नेता एक दूसरे को नई-नई संज्ञा और अलंकार दे रहे हैं. ताजा मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक को राजनीति का रावण बता दिया. चित्तौड़गढ़ में हुए कार्यक्रम में संबोधित करते हुए शेखावत ने कहा कि अगर राजस्थान में रामराज्य लाना है तो राजनीति के रावण अशोक गहलोत की सरकार को उखाड़ फेंकना होगा.

शेखावत ने अपने बयान के समर्थन में तर्क देते हुए कहा कि कांग्रेस की राज्य सरकार के 10 काम ऐसे हैं जो रावण के 10 सिर की तरह हैं. उन्होंने तुष्टीकरण, महिला अत्याचार, राजस्थान में शिक्षा के साथ खिलवाड़ और युवाओं को बेरोजगारी की आग में धकेलने के आरोप लगाते हुए कहा कि इस तरह के 10 काम गहलोत सरकार के 10 सिर की तरह हैं.

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने सीएम अशोक गहलोत को राजनीति का रावण बताया तो खुद मुख्यमंत्री ने हनुमानगढ़ की सभा के मंच से ही इसका जवाब दे दिया. सीएम गहलोत ने शेखावत को जवाब देते हुए कहा की उन्हें चाहे रावण कहें या कुछ और, लेकिन वह खुद तो राम बनकर दिखाएं. गहलोत ने कहा कि राम मर्यादा पुरुषोत्तम थे और मर्यादा पुरुषोत्तम की सोच कैसी होती है, यह समझने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने गजेंद्र शेखावत को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि वे तोउन्हें भी राम मान लेंगे, लेकिन वह संजीवनी पीड़ितों के ढाई-ढाई लाख रुपए लौटाने में मदद तो करें. शेखावत को आड़े हाथ लेते सीएम गहलोत ने कहा कि, तुम भ्रष्ट हो, तुमने लोगों को लूटा है.

सीएम ने गजेन्द्र सिंह को आड़े हाथ लिया तो साथ ही बीजेपी को आईना दिखाते हुए कहा कि भले बीजेपी के लोग उन पर कितने भी पत्थर फेंके वे विचलित नहीं होंगे. सीएम ने कहा कि बीजेपी पत्थर फेंकेगे तो वे उन पत्थरों से गरीबों के लिए मकान, स्कूल और अस्पताल बनवा देंगे.

उधर मुख्यमंत्री पर जुबानी हमला होते देख कांग्रेस का बेड़ा भी बचाव में उतर आया. प्रदेश सह प्रभारी अमृता धवन ने केंद्रीय मंत्री शेखावत को शब्दों का स्तर सुधारने की नसीहत दी, तो पीसीसी सचिव जसवंत गुर्जर ने भी शेखावत के बयान को गलत बताया. अमृता धवन ने तो यहां तक कह दिया कि राजस्थान में गहलोत सरकार ने ही राम-राज्य स्थापित किया है.

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