आदिवासी जनता के बीच जन्मदिन मनाएंगे मुख्यमंत्री गहलोत, क्या है इसके सियासी मायने
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आदिवासी जनता के बीच जन्मदिन मनाएंगे मुख्यमंत्री गहलोत, क्या है इसके सियासी मायने

Ashok Gehlot Birthday : मुख्यमंत्री गहलोत अपना जन्मदिन आदिवासियों के बीच मनाएंगे. चुनावी साल में आदिवासियों के बीच सीएम का जाना और जन्मदिन मानाने को लेकर कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.

आदिवासी जनता के बीच जन्मदिन मनाएंगे मुख्यमंत्री गहलोत, क्या है इसके सियासी मायने

Ashok Gehlot Birthday : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का 3 मई को जन्मदिन है, हर साल मुख्यमंत्री गहलोत जयपुर या जोधपुर में जन्मदिन मनाते आए हैं, लेकिन इस साल उनका जन्मदिन खास होने वाला है. इस बार गहलोत अपना जन्मदिन आदिवासियों के बीच में मनाएंगे. कर्नाटक चुनाव से वक्त निकाल कर सीएम गहलोत उदयपुर पहुंचेंगे, जहां वो अलग अलग कस्बों में जा कर जनता के बीच अपना जन्मदिन मनाएंगे. 

जन्मदिन पर ये रहेगा अशोक गहलोत का यात्रा कार्यक्रम

03 मई को दोपहर 03.10 बजे सीएम गहलोत उदयपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे.

03.30 बजे पहुंच ग्राम-घाटा, कोटड़ा (उदयपुर) पहुंचेंगे. जहां महंगाई राहत कैम्प एवं प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत आयोजित शिविर का अवलोकन करेंगे.

सायं 05.00 बजे पहुंच झाड़ोल (उदयपुर) पहुंचेंगे. महंगाई राहत कैम्प का अवलोकन करेंगे.

सायं 06.30 बजे पहुंच उदयपुर (रेल्वे ट्रेनिंग स्कूल ग्राउण्ड) पहुंचेंगे. जहां अटल सेवा केन्द्र, हिरणमगरी सेक्टर-4 महंगाई राहत कैम्प का अवलोकन करेंगे. 

इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रात्रि विश्राम भी उदयपुर में ही करेंगे.

मुख्यमंत्री गहलोत दो दिन से कर्नाटक दौरे पर है जहां वो कांग्रेस के पक्ष में प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं, इसी बीच सीएम दोपहर बाद उदयपुर पहुंचेंगे. जहां एयरपोर्ट से वो सीधे कोटड़ा पहुंचेंगे. इसके बाद झाड़ोल जाने का कार्यक्रम है. फिर सीएम उदयपुर में रेल्वे ट्रेनिंग स्कूल ग्राउण्ड जाएंगे, इन तीनों ही जगहों पर सीएम गहलोत अपनी सबसे महत्वकांशी योजना यानि महंगाई राहत कैम्प का अवलोकन करेंगे.

मुख्यमंत्री गहलोत अपना जन्मदिन आदिवासियों के बीच मनाएंगे. चुनावी साल में आदिवासियों के बीच सीएम का जाना और जन्मदिन मानाने को लेकर कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. माना जा रहा है कि गहलोत जन्मदिन के बहाने आदिवासी वोट बैंक को साधने की कोशिश करेंगे. वैसी भी कहा जाता है कि राजस्थान के सत्ता की चाबी मेवाड़ से ही होकर निकलती है. 

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