Sachin Pilot on Amit Malviya Tweet : बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सचिन पायलट के पिता स्वर्गीय राजेश पायलट को लेकर एक दावा किया. इसके बाद सचिन पायलट ने उसे दावे को सिरे से खारिज कर दिया.
Trending Photos
Sachin Pilot on Amit Malviya Tweet : राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सचिन पायलट के पिता स्वर्गीय राजेश पायलट को लेकर एक दावा किया. इसके बाद सचिन पायलट ने उसे दावे को सिरे से खारिज कर दिया. अब पायलट समर्थकों और गुर्जरों में इसे लेकर भारी नाराजगी दिखाई दे रही है. सोशल मीडिया पर अमित मालवीय के खिलाफ ट्विटर यूजर्स ने मोर्चा खोलते हुए माफी मांगने को कहा है.
दरअसल 13 अगस्त को देर रात अमित मालवीय ने ट्वीट करते हुए दावा किया कि राजेश पायलट ने मिजोरम की राजधानी आइजोल पर बम गिराए थे. इसके बाद सचिन पायलट ने उन्हें जवाब देते हुए कहा कि उनके पिता राजेश पायलट अक्टूबर 1966 में एयर फोर्स अफसर बने थे तो वह मार्च 1966 में कैसे बमबारी कर सकते हैं.
.@amitmalviya - You have the wrong dates, wrong facts…
Yes, as an Indian Air Force pilot, my late father did drop bombs. But that was on erstwhile East Pakistan during the 1971 Indo-Pak war and not as you claim, on Mizoram on the 5th of March 1966.
He was commissioned into the… https://t.co/JfexDbczfk pic.twitter.com/Lpe1GL1NLB— Sachin Pilot (@SachinPilot) August 15, 2023
सचिन पायलट ने ट्वीट करते हुए कहा कि स्व. राजेश पायलट जी दिनांक 29 अक्टूबर, 1966 को भारतीय वायु सेना में कमीशन हुए थे. यह कहना कि उन्होंने 5 मार्च 1966 में मिज़ोरम में बमबारी करी थी - काल्पनिक है, तथ्यहीन है और पूर्ण तरह भ्रामक है. हाँ, 80 के दशक में एक राजनेता के रूप में मिज़ोरम में युद्ध विराम करवाने और स्थाई शांति संधि स्थापित करवाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका ज़रूर निभाई थी. स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ, जय हिन्द
आपको बता दे कि इससे पहले बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट करते हुए कहा था कि राजेश पायलट और सुरेश कलमाड़ी भारतीय वायुसेना के उन विमानों को उड़ा रहे थे जिन्होंने 5 मार्च 1966 को मिज़ोरम की राजधानी आइज़वाल पर बम गिराये. बाद में दोनों कांग्रेस के टिकट पर सांसद और सरकार में मंत्री भी बने. स्पष्ट है कि नार्थ ईस्ट में अपने ही लोगों पर हवाई हमला करने वालों को इंदिरा गांधी ने बतौर इनाम राजनीति में जगह दी, सम्मान दिया.
ये भी पढ़ें-
गहलोत सरकार के वो 7 फैसले जो सत्ता में दोबारा उन्हें लाकर बदल सकते हैं चुनावी समीकरण
विटामिन P से होगा कैंसर के सेल्स का विकास बंद, इन चीजों को करें डाइट में शामिल