डैमेज कंट्रोल में जुटी BJP! नरपत सिंह राजवी को मनाने पहुंचे अरुण सिंह, दीया कुमारी को टिकट देने से हैं नाराज
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डैमेज कंट्रोल में जुटी BJP! नरपत सिंह राजवी को मनाने पहुंचे अरुण सिंह, दीया कुमारी को टिकट देने से हैं नाराज

Narpat Singh Rajvi:  भाजपा ने जहां कई सांसदों को विधायकी लड़ने के लिए चुनावी मैदान में उतार दिया है तो कईयों के टिकट काटकर चौंका दिया है.

डैमेज कंट्रोल में जुटी BJP! नरपत सिंह राजवी को मनाने पहुंचे अरुण सिंह, दीया कुमारी को टिकट देने से हैं नाराज

Narpat Singh Rajvi: राजस्थान में 23 नवंबर को मतदान है. उससे पहले भाजपा की पहली सूची ने सियासी बवाल मचा दिया है. भाजपा ने जहां कई सांसदों को विधायकी लड़ने के लिए चुनावी मैदान में उतार दिया है तो कईयों के टिकट काटकर चौंका दिया है. इसमें सबसे बड़ा नाम भाजपा के संस्थापक सदस्य रहे भैरों सिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी का है. बढ़ते बवाल के बीच अब भाजपा डैमेज कंट्रोल में जुट गई है. भाजपा प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह नरपत सिंह के जयपुर आवास पहुंचे और उन्होंने राजवी को मनाने की कोशिश की.

दरअसल विद्याधर नगर विधानसभा सीट से नरपत सिंह राजवी का टिकट काटकर सांसद दीया कुमारी को चुनावी मैदान में उतार गया है, लिहाजा ऐसे में नरपत सिंह राजवी बेहद नाराज बताए जा रहे थे. उनके कई बयान सोशल मीडिया से लेकर अखबारों की सुर्खियां तक बने. इसके बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण सिंह को खुद मोर्चा संभालना पड़ा और वह राजवी के घर डैमेज कंट्रोल करने पहुंचे. दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में हुई बातचीत के बाद राजवी की ओर से एक स्पष्टीकरण जारी किया गया. जिसमें कहा गया कि राजवी ने किसी भी समाचार पत्र या न्यूज़ चैनल को कोई वक्तव्य नहीं दिया है. 23 अक्टूबर को भैरों सिंह शेखावत के जन्मशताब्दी दिवस को सफल बनाने के लिए वह बैठकों में जुटे हुए हैं.

दीया कुमारी बोलीं- हमारे पारिवारिक रिश्ते

वहीं विद्याधर नगर सीट से बीजेपी प्रत्याशी दीया कुमारी का बयान सामने आया है. वर्तमान विधायक नरपत सिंह राजवी की नाराजगी पर दीया कुमारी ने कहा कि मैं उनके परिवार का सम्मान करती हूं, कुछ भी नहीं कहूंगी. भैरों सिंह जी मेरे पिता समान हैं, उनसे मेरे पारिवारिक रिश्ते थे. जिस दिन टिकट की घोषणा हुई, उस दिन राजवी से मैंने बात की थी. कहा था, चुनाव लड़ने के लिए मुझे आशीर्वाद दें, आपका सपोर्ट दें, उन्होंने सहयोग देने की बात कही थी, उसके बाद मेरी कोई बात नहीं हुई. भैरोंसिंहजी का हमेशा मेरी दादी सरकार, पिताजी से जुड़ाव रहा है. हमारा परिवार उनका सम्मान करता था, इस बारे में कुछ नहीं कहना है.

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