Advertisement
trendingPhotos/india/rajasthan/rajasthan1983105
photoDetails1rajasthan

जानिए हाल ही में कौन सी नई तुर्की भाषा खोजी गई है

तुर्की में हाल की खुदाई से एक प्राचीन इंडो-यूरोपीय भाषा की खोज हुई है, शोधकर्ताओं का कहना है कि यह  हित्ती सांस्कृतिक से जुडा हुआ है, जिसे पहले से ही कुछ लोग कलास्माइक या कलास्मा भाषा के रूप में जानते थे, हालाँकि, यह भाषा इंडो-यूरोपीय भाषा से थोड़ी मिलती-जुलती है.

बोगाजकोई में खुदाई

1/6
 बोगाजकोई में खुदाई

तुर्की के बोगाजकोई में खुदाई के दौरान प्राचीन मिट्टी के एक टुकड़े पर एक अज्ञात भाषा मिली, अनुमान है कि यह भाषा लगभग 3000 साल पुरानी है और इसे कलाशमाइक कहा जा रहा है

तुर्की

2/6
 तुर्की

यह भाषा इंडो-यूरोपीय भाषाओं की एक शाखा है और तुर्की के उत्तर-पश्चिमी सिरे पर एक छोटे से राज्य कलस्मा में बोली जाती थी.

हित्ती साम्राज्य

3/6
हित्ती साम्राज्य

यह भाषा हित्ती साम्राज्य के समय लिखी गई थी, जिसने लगभग 1650 से 1200 ईसा पूर्व तक अनातोलिया पर शासन किया था, इस भाषा के ग्रंथ हित्ती साम्राज्य की राजधानी हट्टुसा में पाए गए हैं.

इंडो-यूरोपीय भाषा

4/6
इंडो-यूरोपीय भाषा

यह भाषा मध्य पूर्व में पाई जाने वाली किसी भी अन्य प्राचीन लिखित भाषा से अलग है, हालांकि इसकी शब्दावली और व्याकरण अन्य इंडो-यूरोपीय भाषाओं से कुछ समानता रखती है.

धार्मिक परंपराओं

5/6
धार्मिक परंपराओं

इस भाषा का अभी तक पूरी तरह से अनुवाद नहीं किया गया है, लेकिन इसका अध्ययन करने वाले विद्वानों का मानना है कि इसमें कलास्मिक लोगों की धार्मिक परंपराओं और देवताओं के बारे में जानकारी हो सकती है.

भाषाओं और धर्मों को संरक्षित करना

6/6
भाषाओं और धर्मों को संरक्षित करना

इस भाषा की खोज से पता चलता है कि हित्ती साम्राज्य ने अपने अधीन रहने वाली जनजातियों की भाषाओं और धर्मों को संरक्षित करने का प्रयास किया, जिससे उन्हें राजनीतिक स्थिरता और बहुसंस्कृतिवाद को बढ़ावा देने में मदद मिली.