पाली जिले के चाचौड़ी गांव में एक नवविवाहित दूल्हे को समाज के खाप पंचों का शिकार होना पड़ा. चाचोड़ी गांव के मैकेनिक इंजीनियर अमृत सुथार की शादी से समाज के पंच इतने नाराज हो गए कि उन्होंने दूल्हे के परिवार को ही समाज से बाहर कर दिया.
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Pali News : पाली जिले के चाचौड़ी गांव में एक नवविवाहित दूल्हे को समाज के खाप पंचों का शिकार होना पड़ा. चाचोड़ी गांव के मैकेनिक इंजीनियर अमृत सुथार की शादी से समाज के पंच इतने नाराज हो गए कि उन्होंने दूल्हे के परिवार को ही समाज से बाहर कर दिया. खास बात यह है कि यह लव मैरिज नहीं थी न हीं एक गोत्र की शादी, ऐसा भी नहीं था कि लड़की वाले शादी के खिलाफ हो, लेकिन पंच पटेलो की बात नही सुनी इसलिए खामियाजा भुगतना पड़ा.
पंचों को दूल्हे का साफा एवं दाढ़ी पसंद नहीं आई जिसकी वजह से सजा के तौर पर दूल्हे और उसके परिवार को समाज से बाहर कर दिया. दूल्हे के सामने पंचों द्वारा यह शर्त रखी गई कि 2 महीने में पंचों की बैठक बुलाई जाए. बैठक में या तो दूल्हा माफी मांगे या जो पंच निर्देश दे उनको माने. दूल्हे ने बैठक बुलाने की बात से इंकार कर दिया तो अब उसके ससुराल से लेकर गांव तक समाज के लोगों को सम्बंध नहीं रखने का दबाव बनाया जा रहा.
दुल्हे द्वारा पुलिस को इस मामले की जानकारी दी, साथ ही जिला कलेक्टर एवं पाली जिला पुलिस अधीक्षक से भी गुहार लगाई लेकिन कुछ नहीं हो पाया. आज भी समाज के पंच बार-बार उनके ससुराल पक्ष पर दबाव बना रहे और कॉल पर कॉल किए जा रहे. तो इंजीनियर नवविवाहित दूल्हे ने कहा कि मैं पंचों से माफी नहीं मांगूंगा. दूल्हे ने बताया कि पंचों द्वारा यह भी फरमान जारी किया कि नवविवाहिता दुल्हन भी उसके घर नहीं आ सकती ना जा सकती और ना ही परिवार से मिल सकती है ना लड़की राखी बांधने उसके घर आ सकेगी, साथ ही उनके ससुराल पक्ष के सभी सदस्यों को समाज से बाहर कर दिया.
दूल्हे ने बताया कि 22 अप्रैल को पूजा और मेरी शादी हुई मेरी पत्नी पूजा सोलंकी पाली जिले के ही बाली की रहने वाली है. पूजा ने आईटी में बीएससी किया है और पुणे में एक कंपनी में आईटी डिपार्टमेंट में वेब डेवलपर है. मैं भी पुणे में जॉब करता हूं शादी में हमने करीब 13 सौ लोगों को बुलाया था जिसमें समाज के लोग भी शामिल थे.
शादी धूमधाम से हुई थी करीब 15 दिन तक सब कुछ सही चला, शादी के 15 दिन बाद समाज के पंचों ने फरमान जारी कर समाज ने मुझे ओर मेरे ससुराल पक्ष के सभी को समाज से बहिष्कृत कर दिया. पंचों का कहना है कि दूल्हे ने केसरिया साफा नहीं पहना साथ ही दाढ़ी नहीं करवाई. लेकिन कितना सही है की आज के युग में रूढ़िवादिता कितनी जायज है.
Reporter- सुभाष रोहिसवाल
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