Pali: वो तो रो रही थी अपने बेटे की रिहाई के लिए...वो बैठी थी चौकी के बाहर कि किसी तरह पुलिसवाले उसके बेटे को छोड़ दे. बेटा कितना भी गलत क्यों न हो, एक मां का दिल तो मां का दिल होता है. पाली में बेटे को छुड़ाने के लिए चौकी के बाहर बैठी मां के साथ जो हुआ, वह देखकर आपको भी गुस्सा आ जाएगा.
सोशल मीडिया में अगर यह वीडियो वायरल नहीं होता तो शायद इतना गलत करने वाले कॉन्स्टेबल के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती. जरा सोचो कि अगर कोई बूढ़ी मां अपने बेटे को छुड़ाने के लिए चौकी के बाहर बैठी हो और उसे ये खाकीवाले लात मारकर चले जाएं, तो कैसा लगेगा?
आपको पूरे मामले के बारे में बताते हैं. राजस्थान के पाली के आनंदपुर थाना क्षेत्र की बलादा गांव में अस्थायी चौकी लगी है. यहां हेडकॉन्स्टेबल उमराव अवैध शराब मामले में एक युवक को लेकर आ गया. जब युवक की बूढ़ी मां को पुलिस द्वारा बेटे को के जाने का पता चला तो पीछे पीछे चौकी पहुंच गई और बेटे को रिहा करने की गुहार लगाई.
जब बेटे को नहीं छोड़ा तो बूढ़ी मां चौकी के बाहर ही बैठ गई. हेडकॉन्स्टेबल ने उसे जाने को कहा लेकिन वो नहीं गई. गुस्साए हेड कॉन्स्टेबल ने बूढ़ी मां को लात मार दी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया.
हेडकॉन्स्टेबल के बूढ़ी मां को लात मारने की फोटोज-वीडियो वायरल होने के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. लोगों ने पूछा कि अगर उस बूढ़ी महिला की जगह पर हेडकॉन्स्टेबल की मां होती तो क्या तब भी वह यह करता. एसपी गगनदीप सिंगला ने हेडकॉन्स्टेबल को निलंबित कर दिया और जांच जैतारण सीओ को दी.
सबसे बड़ा सवाल पुलिस पर उठ रहा है कि फरियाद करने वालों संग किस तरह का बर्ताव कर रही है? हाल ही नए डीजीपी उमेश मिश्रा ने सभी को नसीहत दी थी कि थाने आने वाले फरियादी के साथ अच्छा व्यवहार किया जाए लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ अलग ही है. कॉन्स्टेबल की इस हरकत पर आपका क्या कहना है, कमेंट करके अपनी राय जरूर दें.
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