मानसून आने के बाद भी प्यासा पाली , पानी के लिए जोधपुर से वाटर ट्रेन पर आश्रित
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मानसून आने के बाद भी प्यासा पाली , पानी के लिए जोधपुर से वाटर ट्रेन पर आश्रित

Thirsty Pali : उत्तर- पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल के उपनगरीय भगत की कोठी रेलवे स्टेशन से पेयजल संकट से त्रस्त पाली मारवाड़ तक संचालित वाटर ट्रेन ने शनिवार को अपने दो सौ फेरे पूरे कर लिए हैं.

मानसून आने के बाद भी प्यासा पाली , पानी के लिए जोधपुर से वाटर ट्रेन पर आश्रित

Thirsty Pali : मंडल रेल प्रबंधक सुश्री गीतिका पांडेय ने बताया कि पेयजल संकट से त्रस्त पाली के लिए जोधपुर से राज्य सरकार की मांग पर इस साल 17 अप्रैल से वाटर स्पेशल ट्रेन का निर्बाध रूप से संचालन किया जा रहा है. जिसके तहत शनिवार सुबह इसके दो सौ फेरे पूरे हो चुके हैं. उन्होंने बताया कि वाटर ट्रेन के दो सौ फेरों के माध्यम से आठ हजार वैगन के माध्यम से भगत की कोठी से पाली मारवाड़ तक अब तक 43 करोड़ 20 लाख लीटर पानी का रेलवे द्वारा लदान किया जा चुका है, जिससे वैगन किराए के बतौर रेलवे को साढ़े छह करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है.

उन्होंने बताया कि रेलवे की तरफ से पाली जिला प्रशासन की मांग पर पेयजल सप्लाई नियमित रूप से जारी रखी जाएगी. उन्होंने बताया कि रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव के कुशल नेतृत्व में संचालित वाटर स्पेशल ट्रेन के संचालन से पाली के लोगों को बड़ी राहत मिली है.

डीआरएम ने बताया कि 24 अप्रैल को जोधपुर मंडल को वाटर ट्रेन का एक और रैक उपलब्ध हुआ था, तब से दो ट्रेनों के माध्यम से दिन-रात पानी का लदान किया गया. उन्होंने बताया कि मारवाड़ में अक्सर पेयजल संकट की गंभीर स्थिति रहती है, ऐसे में ट्रेन के जरिए पाली तक पानी की सप्लाई महत्वपूर्ण कदम है. डीआरएम ने कहा कि पेयजल संकट से जूझ रहे पाली में लोगों तक पीने का पानी पहुंचाने के लिए रेलवे संकल्प और प्रतिबद्ध है. राज्य सरकार जब तक इस व्यवस्था को सुचारू रखना चाहे, रेलवे हरसंभव सहयोग करने को तत्पर है.

ट्रेन के फेरों का पूरा हिसाब-किताब
प्रत्येक ट्रेन में कुल वैगन- 40
वैगन की भराव क्षमता- 54 हजार लीटर
40 वैगन में कुल भराव- 21 लाख 60 हजार लीटर
2 जुलाई तक फेरों की संख्या- 200
अब तक पेयजल की सप्लाई- 43 करोड़ 20 लाख लीटर
एक फेरे से रेलवे का राजस्व- 3 लाख 27 हजार रुपये
200 फेरों से अब तक प्राप्त राजस्व- 6 करोड़ 53 लाख 16 हजार 600 रुपये ।

मानसून का आगमन हालांकि हो चुका है, लेकिन जब तक अच्छी बरसात से पाली के सबसे बड़े जलस्रोत जंवाई बांध में  पेयजल की आवक नहीं हो जाती तब तक पाली को जोधपुर से वाटर ट्रेन के जरिए मिलने वाले पानी पर निर्भर रहना पड़ सकता है.

रिपोर्टर- सुभाष रोहिसवाल

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