Rajasthan News: ग्वालू के महेंद्र गालवा रक्तदान की अलख जगाकर बने यूथ आइकॉन,एक मैसेज पर मिल जाते है लाइव डोनर
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Rajasthan News: ग्वालू के महेंद्र गालवा रक्तदान की अलख जगाकर बने यूथ आइकॉन,एक मैसेज पर मिल जाते है लाइव डोनर

Rajasthan News:नागौर जिले के मूण्डवा पंचायत समिति के ग्वालू गांव के 31 वर्षीय युवा महेंद्र गालवा रक्तदान की अलख जगाने वाले कार्यकर्ताओं की पहली पंक्ति में शामिल है.फैली भ्रांतियों के बारे में गांव ढाणी तक जाकर जागरूकता फैलाने का काम किया है.

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Rajasthan News:नागौर जिले के मूण्डवा पंचायत समिति के ग्वालू गांव के 31 वर्षीय युवा महेंद्र गालवा रक्तदान की अलख जगाने वाले कार्यकर्ताओं की पहली पंक्ति में शामिल है. जब लोग रक्तदान करने से कताराते थे उस समय महेंद्र गालवा ने नागौर में रक्तदान को लेकर लोगों में जागरूकता लाना शुरू कर दी .

रक्तवीर के रूप में विशेष पहचान रखने वाले गालवा ने समाज में रक्तदान को लेकर फैली भ्रांतियों के बारे में गांव ढाणी तक जाकर जागरूकता फैलाने का काम किया है. इसी की बदौलत इनकी प्रेरणा से अब तक 60 हजार यूनिट से अधिक रक्तदान विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी ब्लड बैंकों में पहुंचा है जिससे कई जरूरतमंदों का जीवन बच पाया है. 

वहीं अब गालवा एक टीम बना कर काम कर रहे हैं, जो जरुरतमंद तक पहुंच जाती है . राजस्थान के किसी भी अस्पताल में किसी को भी ब्लड की जरूरत होने पर आपातकालीन स्थिति में लाइव डोनर की करवाते है.

व्यवस्था यूथ एजुकेशनल एण्ड वेलफेयर सोसायटी के संचालक गालवा प्रदेश भर में करीब 80 हजार युवाओं से जुड़े हुए है. आपातकालीन स्थिति में गालवा सोशल मीडिया पर एक मैसेज डालते है और कुछ ही मिनट में लाइव डोनर जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुंच जाता है.इन्होंने अभियान चलाकर गांवों में भी रक्तदान की अलख जगाई है.

34 बार कर चुके रक्तदान
युवाओं के प्रेरणास्रोत गालवा स्वयं 34 बार रक्तदान कर चुके है. सामाजिक सरोकार के विभिन्न अभियानों के तहत गालवा की सहभागिता से कई रक्तदान शिविर आयोजित हो चुके है.

एक दिन में 1427 यूनिट रक्तदान करवाकर बनाया रिकॉर्ड
राजस्थान सरकार के एक पूर्व मंत्री के जन्मदिवस पर 900 यूनिट के रक्तदान रिकॉर्ड था. लेकिन गालवा ने एक ही दिन में 1427 यूनिट रक्तदान करवाकर राजस्थान में नया रिकॉर्ड कायम किया .वहीं अब तक सैंकड़ों युनिट रक्तदान करवा कर लोगों की जान बचा चुके हैं. गालवा ने बताया कि वो अधिकतर सरकारी अस्पताल के ब्लड बैंकों को रक्तदान शिविर में रक्त देते . 

क्यों कि गरीब लोग बड़े प्राइवेट अस्पतालों में अपना इलाज नहीं करवा सकते ‌. उन्हें सरकारी अस्पताल मे ही इलाज करवाना हो तो है ऐसे में गरीब परिवार के मरीजों के लिए सरकारी अस्पतालो मे रक्त होना चाहिए.

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