नागौर न्यूज: मकराना में न्यायालय ने 10 वर्ष पुराने हत्या के प्रकरण में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. साथ ही 20 हजार रूपये के जुर्माना भी लगाया गया है.
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मकराना, नागौर न्यूज: मकराना में अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश न्यायलय मकराना की न्यायधीश कुमकुम ने 10 वर्ष पुराने हत्या के प्रकरण में शुक्रवार को एक फैसला सुनाते हुए आरोपी रूघाराम बावरी को आजीवन कारावास व 20 हजार रूपये के जुर्माना की सजा सुनाई.
अपर लोक अभियोजक राम मनोहर डूडी ने बताया कि 26 अक्टूबर 2012 को सांय 8 बजे ग्राम पालड़ी राजा थाना गच्छीपुरा में श्रीराम मुंडेल की हत्या करने के इरादे से रूघाराम बावरी व आसाराम जाट ने मारपीट कर दी थी. जिसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट श्रीराम मुंडेल के पुत्र रामचंद्र ने थाना गच्छीपुरा में करवाई थी.
चार्जशीट 02मार्च 2013 को न्यायालय में पेश
06 नवंबर 2012 को श्रीराम की दौराने ईलाज मृत्यु जवाहर लाल नेहरू अस्पताल अजमेर में हो गई थी. अनुसंधान से मुजरिम आसाराम पुत्र पीथाराम जाति जाट व रूघाराम पुत्र पांचुराम जाति बावरी निवासी पालड़ी राजा के विरूद्ध जुर्म धारा 302/34 भारतीय दंड संहिता का अपराध मानकर चार्जशीट 02मार्च 2013 को न्यायालय में पेश की.
रूघाराम फरार होने के कारण उसके विरूद्ध अनुसंधान रिजर्व रखा गया. 5 वर्ष पश्चात रूघाराम को गच्छीपुरा थाना के कर्मियों ने 08 मार्च 2018 को जोधपुर से गिरफ्तार किया. रूघाराम से श्रीराम की हत्या में उपयोग ली गई कुल्हाड़ी उसके घर से जब्त की और न्यायालय में चार्जशीट पेश की गई. अपर लोक अभियोजक राम मनोहर डूडी ने बताया कि न्यायालय में विचारण के दौरान 18 गवाह परीक्षित करवाये गये व 18 दस्तावेज प्रदर्शन डलवाये गये.
मृतक श्रीराम को पोस्टमार्टम करने वाले डॉ सुमेर सिंह मेडिकल ज्यूरिस्ट जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय अजमेर के बयान ऑनलाईन वीसी के जरिये करवाये गये. जो कि एक गवाह थे. एडीजे कुमकुम ने आज शुक्रवार को 28 पेज का फैसला सुनाते हुए अभियुक्त रुघाराम बावरी को आजीवन कारावास व 20 हजार रूपये का जुर्माना की अदम अदायगी में 2 माह का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई.
आपको बता दे कि सह अभियुक्त आशाराम की पिछले वर्ष जेल में मृत्यु हो गई थी, जो आजीवन कारावास की सजा काट रहा था. अभियोजन पक्ष की ओर से राम मनोहर डूडी अपर लोक अभियोजक ने पैरवी कर अभियोजन पक्ष में केस साबित किया. मृतक के पुत्र मांगीलाल ने न्यायलय के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए बताया कि एडवोकेट अनिल जोशी व अपर लोक अभियोजक राम मनोहर डूडी के अथक प्रयासों से उन्हें न्याय मिला है.
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