निम्न स्तरीय द्वेषपूर्ण राजनीति के कारण अंधेरे में है खींवसर के 3000 घर : धनंजय सिंह
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निम्न स्तरीय द्वेषपूर्ण राजनीति के कारण अंधेरे में है खींवसर के 3000 घर : धनंजय सिंह

धनंजय सिंह खींवसर ने बताया कि दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हर गांव तक बिजली पहुंचाने का संकल्प लिया गया था और इस योजना के माध्यम से आजादी के 70 साल बाद कई गांवों और ढाणियों में बिजली पहुंची है, लेकिन खींवसर विधानसभा क्षेत्र के कई गांव और ढाणियों ऐसी है जहां के 3000 घरों में बिजली नहीं पहुंच पाई है. 

निम्न स्तरीय द्वेषपूर्ण राजनीति के कारण अंधेरे में है खींवसर के 3000 घर : धनंजय सिंह

Kheenvsar: आजादी के 70 साल बाद कई गांवों और ढाणियों में बिजली पहुंची है, लेकिन खींवसर विधानसभा क्षेत्र के कई गांव और ढाणियों ऐसी हैं, जहां के 3000 घरों में बिजली नहीं पहुंच पाई है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर हर गांव तक विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के क्रियान्वयन में प्रदेश सरकार विफलता और निम्न स्तरीय द्वेषपूर्ण राजनीति का परिणाम है कि खींवसर के 3000 घर आज भी अंधेरे है, यह कहना है भाजपा नेता धनंजय सिंह खींवसर का. 

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धनंजय सिंह खींवसर ने बताया कि दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हर गांव तक बिजली पहुंचाने का संकल्प लिया गया था और इस योजना के माध्यम से आजादी के 70 साल बाद कई गांवों और ढाणियों में बिजली पहुंची है, लेकिन खींवसर विधानसभा क्षेत्र के कई गांव और ढाणियों ऐसी है जहां के 3000 घरों में बिजली नहीं पहुंच पाई है. योजना के तहत कुछ गांव में बिजली की लाइन और खंभे लगे हैं लेकिन प्रदेश का प्रशासनिक अमला विद्युत कनेक्शन घर तक नहीं पहुंचा पा रहा है और कहीं कहीं तो खंभे भी नहीं लगे हैं. 

ग्रामीणों को बिजली नहीं मिल रही
खींवसर ने कहा कि योजना के कार्यान्वयन के लिए राज्य द्वारा संचालित पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन एवं रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन नोडल एजेंसी को जिम्मा सौंपा गया है. यह नोडल एजेंसी ऐसे गांव ढाणी जहां अभी तक बिजली नहीं पहुंची है. उनका सर्वे कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करती है लेकिन ऐसा लगता है कि ओछी मानसिकता और द्वेष पूर्ण राजनीति के चलते कई घरों को जानबूझकर बिजली के कनेक्शन से वंचित रखा जा रहा है. सर्वे सूची में नाम नहीं होने के कारण यहां रहने वाले ग्रामीण बिजली कनेक्शन की बात करते हैं तो उन्हें भारी भरकम राशि का एस्टीमेट पकड़ा दिया जाता है. एस्टीमेट की राशि लगभग 10 सालों के विद्युत खर्च के बराबर होती है ऐसे में ग्रामीण ना तो एस्टीमेट कि यह राशि जमा करवा पाते हैं और ना ही उन्हें बिजली कनेक्शन मिल रहा है. 

सड़कों पर किया जाएगा आंदोलन
धनंजय सिंह ने कहा कि उन्होंने ऐसी कई ढाणियों का दौरा कर वहां रहने वाले ग्रामीणों से बात की है. खींवसर ने बताया कि वह स्वयं अपने स्तर पर ऐसी ढाणी और परिवारों को चिन्हित कर रहे हैं और यह सर्वे रिपोर्ट प्रशासनिक अधिकारियों और विद्युत विभाग के अधिकारियों को दी जाएगी. उन्होंने कहा कि यदि इसके बावजूद भी इन घरों तक बिजली नहीं पहुंची तो इसके लिए सड़कों पर आकर आंदोलन भी किया जाएगा.

Reporter - Damodar Inaniyan

 

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