Rajasthan Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में दौसा लोकसभा से पांच प्रत्याशी चुनावी मैदान में है. हालांकि मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी मुरारी लाल मीणा और भाजपा के कंडिडेट कन्हैया लाल मीणा के बीच माना जा रहा है.
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Rajasthan Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में दौसा लोकसभा से पांच प्रत्याशी चुनावी मैदान में है. हालांकि मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच माना जा रहा है. हालांकि बसपा से सोनू धानका भी चुनावी रण में है वहीं रामरूप मीणा, मोहनलाल मीणा भी निर्दलीय मैदान में है. जीत किसकी होगी यह तो मतदाता तय करेंगे लेकिन कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशी फिलहाल अपनी जीत का दावा कर रहे हैं
पिछले तीन चुनावो की बात करें तो बड़ी ही हास्यपद स्थिति यहां देखने को मिली 2009 के लोकसभा चुनाव में डॉक्टर किरोडी लाल मीणा निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में थे. वहीं भाजपा से रामकिशोर मीणा और कांग्रेस से लक्ष्मण मीणा ने भाग्य आजमा. वहीं जम्मू कश्मीर निवासी कमर रब्बानी चेची भी निर्दलीय के रूप में यहां चुनावी मैदान में उतरे और मुकाबला इतना रोचक हुआ कि कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों की जमानत जप्त हुई.
किरोड़ी लाल मीणा और कमर रब्बानी के बीच टक्कर हुई जिसमें डॉक्टर किरोडी लाल मीणा ने करीब 140000 मतों से जीत हासिल की. सबसे बड़ी रोचक बात यह रही कि कश्मीर से आने वाले रब्बानी ने उस चुनाव में दो लाख 95000 वोट लिए जबकि उनका यहां कोई अस्तित्व नहीं था.
वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से हरीश मीणा और कांग्रेस से नमोनारायण मीणा चुनावी रण में उतरे दोनों सगे भाई हैं तो वहीं राजपा से डॉक्टर किरोडी लाल मीणा भी चुनावी मैदान में कूदे उस दौरान भी कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही और टक्कर हरीश मीणा व किरोड़ी लाल मीणा के बीच हुई और इसमें करीब 45000 से अधिक मतों से हरीश मीणा विजय रहे.
जबकि हरीश मीणा राजस्थान पुलिस मुखिया के पद पर रहे और राजनीति से इनका दूर-दूर तक कोई सरोकार नहीं था चुनाव के दौरान का जो माहौल था उसे देखकर हरीश मीणा को नहीं लग रहा था कि वह चुनाव जीतेंगे लेकिन जिस दिन परिणाम सामने आया तो हरीश मीणा भी आश्चर्य चकित थे कि आखिर में चुनाव जीत कैसे गया इसके लिए लोगों का आकलन है कि मोदी के नेतृत्व को जीत मिली थी.
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वही 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से सविता मीणा और भाजपा से जसकोर मीणा आमने-सामने हुए और इस चुनाव में भी कमोबेश भाजपा प्रत्याशी के सामने ऐसे ही हालात थे जैसे 2014 में हरीश मीणा के सामने थे. जसकोर का भी दौसा लोकसभा क्षेत्र में कोई प्रभाव नहीं था लेकिन भाजपा ने टिकट देकर उन्हें चुनावी रण में उतारा जबकि कांग्रेस की प्रत्याशी सविता मीणा दौसा से कांग्रेस के विधायक मुरारी लाल मीणा की पत्नी है और मुरारीलाल मीणा का यहां खासा प्रभाव माना जाता है.
मुरारी लाल मीणा ने नामांकन दाखिल के साथ ही यह दम भी भरा था कि उनकी पत्नी करीब ढाई लाख वोटो से चुनाव जीतेगी लेकिन जिस दिन परिणाम आया तो चौंकाने वाला था भाजपा की जसकोर मीणा करीब 70444 मतों से विजय हुई. यहां भी मोदी नेतृत्व ने भाजपा को जीत दिलाई.
वही 2024 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस से मुरारीलाल मीणा प्रत्याशी हैं तो वहीं भाजपा से पूर्व विधायक कन्हैया लाल मीना अपना भाग्य आजमा रहे हैं राजनीतिक दृष्टि से दोनों का कद बराबर है मुरारीलाल मीणा चौथी बार विधायक हैं तो वहीं का कन्हैया लाल मीणा भी चार बार विधायक रह चुके हैं.
हालांकि कन्हैया लाल तीन बार बस्सी से विधायक का चुनाव हारे है किसके सिर जीत का सेहरा बंधेगा यह तो लोकसभा क्षेत्र के मतदाता तय करेंगे लेकिन फिलहाल एक और जहां मुरारीलाल मीणा दौसा लोकसभा क्षेत्र से 3 से 5 लाख वोटो के बीच जीत दर्ज की बात कह रहे हैं तो वही कन्हैया लाल मीणा भी पीएम मोदी के नेतृत्व को लेकर अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं.
कांग्रेस प्रत्याशी मुरारीलाल मीणा पर परिवारवाद,जातिवाद,दल बदल,मानेसर भागने वालों में शामिल रहे. वहीं इसरदा का पानी लाने का वादा पिछले पंद्रह साल से कर रहे है लेकिन अभी तक पूरा नहीं हुआ. भाजपा प्रत्याशी कन्हैया लाल दौसा जिले के निवासी नहीं है हालांकि दौसा लोकसभा क्षेत्र के निवासी है
2009 से पहले दौसा लोकसभा क्षेत्र में कोटपुतली,आमेर, जमवारामगढ़ और विराटनगर विधानसभा शामिल थी और सामान्य सीट हुआ करती थी लेकिन 2009 में दौसा लोकसभा क्षेत्र से आमेर,कोटपुतली,विराटनगर और जमवा रामगढ़ को हटा दिया गया और महवा,थानागाजी,बस्सी और चाकसू को जोड़ दिया गया.