Barmer Lok Sabha Chunav Result 2024 Rajasthan : बाड़मेर लोकसभा सीट पर भाजपा के केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी, कांग्रेस के उम्मेदाराम बेनीवाल और निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है.
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Barmer Lok Sabha Election Results 2024 : बाड़मेर लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने जा रहा है. इसी सीट पर भाजपा के केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी, कांग्रेस के उम्मेदाराम बेनीवाल और निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी भी मैदान में हैं. जानकारों का मानना है, कि अगर भाटी राजपूत वोटों क अपनी ओर खींचने में कामयाब रहते हैं, तो इस सीट पर भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. बहरहाल, प्रत्याशी और पार्टियां अपने-अपने प्रचार में जुटे हुए हैं. अब देखना ये है, कि 4 जून को सेहरा किसके सिर सजेगा?
कांग्रेस के गढ़ को बीजेपी ने किया था कब्जा
अगर बाड़मेर सीट के सियासी समीकरण की बात की जाए, तो इस सीट पर पिछले दो लोक सभा चुनावों में बीजेपी का कब्जा रहा है. साल 2019 में बीजेपी नेता कैलाश चौधरी ने 8,46,526 वोट पाए थे. उन्होंने 22.7% वोट मार्जिन से जीत दर्ज की थी. बता दें, कि इस चुनाव में कैलाश चौधरी ने मानवेंद्र सिंह को 323808 मतों से मात दी थी. 2019 के चुनाव में मानवेंद्र सिंह को को 522718 वोट मिले थे. इससे पहले ये सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी. इस लोकसभा सीट पर यदि 1977 और 1989 के चुनावों को छोड़ दिया जाए तो यहां 1967 से 99 तक लगातार कांग्रेस को जीत मिलती रही है. वहीं, बीजेपी पहली बार यहां साल 2004 में जीती और धीरे धीरे कांग्रेस को पीछे धकेलती चली गई. लेकिन इस बार ना ही कांग्रेस और ना ही बीजेपी के लिए इस सीट में जीत आसान रहने वाली है.
बाड़मेर लोकसभा सीट पर वोटों का समीकरण
महिला मतदाता - 907912
पुरुष मतदाता - 1033306
कुल वोट - 1941231
कौन हैं कैलाश चौधरी
कैलाश चौधरी छात्र राजनीति से उभरे हुए नेता हैं. वे दबंग छात्र नेता हुआ करते थे. बाड़मेर बालोतरा में फैक्ट्रियां बंद पर कई मजदूरों का रोजगार छीन गया था. इस पर कैलाश चौधरी चार महीने तक धरने पर बैठे थे. पुलिस ने उन पर खूब लाठियां भी बरसाईं और जेल में भी डाला. तब की प्रदेश कांग्रेस सरकार ने चौधरी की उनकी हिस्ट्रीशीट खोल दी थी. कैलाश ने 1999 में पार्षद का चुनाव लड़ा, इसमें वे हार गए. 2004 में वे जिला परिषद सदस्य बने. 2013 में बायतु से चौधरी 13974 वोट से जीत गए. 2018 में फिर बायतु से विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश चौधरी के सामने 18311 वोट से हार गए. 2019 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े और पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे कांग्रेस प्रत्याशी मानवेंद्र सिंह को 3.23 लाख वोट से हराया. इसी कार्यकाल में मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में भी उन्हें जगह मिली.
कौन हैं रविंद्र सिंह भाटी
रविंद्र सिंह भाटी राजस्थान के युवा विधायकों में से एक हैं. 2023 में ही उन्होंने शिव विधानसभा से पहली बार विधायक का चुनाव जीता. वे विधानसभा चुनाव के दौरान 9 दिन भाजपा में भी रहे, लेकिन टिकट नहीं मिलने पर बागी हो गए. फिर निर्दलीय चुनाव जीता. हालांकि, भाजपा ने उन्हें मनाने के प्रयास भी किए. लेकिन बात नहीं बनी.
कौन हैं उम्मेदाराम बेनीवाल
आरएलपी के टिकट पर पिछले दो विधानसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मेदाराम बेनीवाल कांग्रेस में हाल ही में शामिल हुए हैं, और कांग्रेस में शामिल होने के बाद ही बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से उन्हें टिकट मिल गया. बता दें, कि बेनीवाल ने 2018,2023 में लड़ा RLP से बायतू से चुनाव लड़ा था.