Rajasthan Election 2023: कोटा में आदर्श आचार संहिता की उड़ रही धज्जियां, 120 घंटे बाद भी नहीं उतरे बैनर - पोस्टर
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1916609

Rajasthan Election 2023: कोटा में आदर्श आचार संहिता की उड़ रही धज्जियां, 120 घंटे बाद भी नहीं उतरे बैनर - पोस्टर

Rajasthan Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 की तारीखों के ऐलान के साथ ही आचार संहिता लागू हो चुकी है. विराटनगर के भाबरू, खातोलाई कट, अलवर तिराहा समेत अन्य स्थानों पर स्थित होटल, ढाबों तथा विभिन्न जगहों पर राजनेतिक दलों और संभावित प्रत्याशियों के बैनर पोस्टर चिपके हुए है.

 

Rajasthan Election 2023: कोटा में आदर्श आचार संहिता की उड़ रही धज्जियां, 120 घंटे बाद भी नहीं उतरे बैनर - पोस्टर

Rajasthan Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 की तारीखों के ऐलान के साथ ही आचार संहिता लागू हो चुकी है. आचार संहिता लगने के बावजूद बड़ी तादाद में राजनैतिक दलों व संभावित प्रत्याशियों द्वारा उल्लंघन के मामले भी सामने आ रहे है.

क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर बैनर - पोस्टर लगे हुए हैं और आचार संहिता की पालना के लिए लगे जिम्मेदारों के दावों को धत्ता बता रहे हैं. जानकारी के मुताबिक चुनाव आयोग द्वारा 25 नवंबर को चुनाव करवाने की तिथि घोषित करने के बड़ा प्रदेश में आचार संहिता लागू हो चुकी है. इस बार आचार संहिता की पालना करवाने के लिए चुनाव आयोग सख्त है और अधिकारियों की निगरानी टीम भी गठित की है.

साथ ही, जागरूकता रैली, सोशल मीडिया समेत अन्य माध्यमों से आचार संहिता की पालना का संदेश दिया जा रहा है. इसके बावजूद जिन अधिकारियों पर आचार संहिता की पालना करवाने की जिम्मेदारी है, उनकी अनदेखी से चुनाव आयोग के आदेशों पर पानी फिर रहा है.

ये भी पढ़ें- Rajasthan Election 2023: राजस्थान चुनाव से पहले एक्शन में पुलिस, दौसा में नाकेबंदी के दौरान पकड़ी 18 लाख की नगदी

विराटनगर के भाबरू, खातोलाई कट, अलवर तिराहा समेत अन्य स्थानों पर स्थित होटल, ढाबों तथा विभिन्न जगहों पर राजनेतिक दलों और संभावित प्रत्याशियों के बैनर पोस्टर चिपके हुए है. कई स्थानों पर तो पोस्टर पर सफेद रंग पोतकर सिर्फ खानापूर्ति की गई है. जबकि पोते गए पोस्टरों पर पार्टियों का प्रचार साफ दिख रहा है.

खास बात यह है कि आचार संहिता लगे 120 घंटे बीत जाने के बाद भी बैनर पोस्टर लगे रहना जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़े करता है. अब देखने वाली बात यह है कि चुनाव आयोग इन लापरवाह अधिकारियों पर क्या कार्रवाई करता है.

Reporter- Amit Yadav

Trending news