कोटा के सुल्तानपुर में हिस्ट्रीशीटर भगा ले गया नाबालिग बेटी को परिवार बैठा धरने पर पोलिस के आत्मदाह की चेतावनी.
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Kota: कोटा के सुल्तानपुर थाने में एक डाबर निवासी परिवार द्वारा 3 माह से पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए, खुलेआम आत्मदाह की चेतावनी दी है. जानकारी के अनुसार यहां डाबर गांव निवासी एक परिवार अपनी नाबालिग बेटी से मिलने के लिए करीबन 3 माह से परेशान है और दर्जनों बार सुल्तानपुर पुलिस थाने के साथ ही कोटा ग्रामीण एसपी कार्यालय व आईजी कोटा रेंज तक को अवगत करवा चुका है, लेकिन अभी तक कोई मदद नहीं मिली है.
ऐसे में थक हारकर आखिरकार पीड़ित परिवार द्वारा नगर के सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र विजय, जगदीश कलमंडा समेत अन्य ग्रामीणों के साथ थाने के बाहर धरना शुरू कर दिया गया. पीड़ित परिवार के नरेश पुत्र कालू लाल मीणा निवासी डाबर ने बताया कि 27 जून को उसकी नाबालिग बेटी को लाखसनिजा निवासी एक युवक मायाराम मीणा बहला-फुसलाकर भगा कर ले गया था, जाते समय बेटी उसके सोने चांदी के आभूषण भी ले गई थी. इस घटना की रिपोर्ट 27 जून को सुल्तानपुर थाने में दर्ज करवाई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद कोटा ग्रामीण पुलिस अधीक्षक व कोटा आईजी रेंज को भी परिवाद दिया गया, लेकिन वहां भी कोई मदद नहीं मिली. ऐसे में वह खासा परेशान है और उन्हें उनकी नाबालिग बेटी की चिंता सता रही है.
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थाने का हिस्ट्रीशीटर है नाबालिग को भगाने वाला युवक
जानकारी मुताबिक मामले के आरोपी युवक पर कई सारे मामले दर्ज है और वह हिस्ट्रीशीटर भी है, बावजूद इसके 3 माह से कोई कार्रवाई नहीं हो रही.ऐसे में आरोपी के साथ रहने पर नाबालिग की जान को भी खतरा है. परिजनों के धरने पर बैठने की सूचना के साथ ही सीआई सन्दीप बिश्नोई ने परिजनों को समझाइश का प्रयास किया, लेकिन परिजन उच्च अधिकारियों को बुलवाने की मांग पर अड़ गए. जहां ढाई घण्टे बाद कोटा ग्रामीण एडिशनल एसपी सौरभ तिवारी मौके पर पहुंचे तो परिजनों ने बताया सुल्तानपुर थाना पुलिस मामले को लेकर कतई गम्भीर नहीं है. इस मौके पर परिवार ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र ही उनकी बेटी का पता नहीं लगाया गया, तो सभी कोटा के राधेश्याम की तरह कदम उठाने पर मजबूर हो जाएगे. जहां एडिशनल एसपी ने मामले की जांच स्वयं द्वारा करने का आश्वासन देते हुए, शीघ्र कार्रवाई का भरोसा दिया, तब जाकर 3 घण्टे बाद परिजन धरने से उठे.
10 दिन में नहीं मिली बेटी तो कर लूंगी आत्मदाह
धरना प्रदर्शन के दौरान यहां 3 माह से अपनी बेटी के लिए तरस रही नाबालिग की मां राजकरन्ता बाई द्वारा खुलेआम पुलिस की कार्यशैली से परेशान होकर आत्मदाह करने की चेतावनी दी गई. जहां महिला ने बताया कि 3 माह से वह बेटी के लिए थाने से लेकर कोटा पुलिस कार्यालय तक के चक्कर काट रही है, लेकिन अभी तक उनकी बेटी नहीं मिली. ऐसे में यदि अब भी 10 दिन में बेटी का पता नहीं चलता है, तो वह भी जान दे देगी. महिला के अचानक इस तरह की चेतावनी के बाद वहां मौजूद पुलिसकर्मी सकपका गए और परिजनों को शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन देने लगें. इस दौरान मोतीकुआं सहकारी समिति अध्यक्ष गिरिराज नागर, उपाध्यक्ष चंद्र प्रकाश मोदी, गिरिराज बैरवा, जगदीश प्रसाद मीणा, बाबूलाल नागर, संतोष मीणा आदि मौजूद रहें.
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